कोरोना महामारी से जंग को तैयार
भगवतपुर ब्लॉक का 100 बेड हास्पिटल
डेंगू वायरस मे तोड़ दिया दम।
प्रयागराज(राम आसरे)। जनपद में डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या के बावजूद जांच को लेकर अस्पतालों में पर्याप्त सुविधाएं नदारद हैं। जिला अस्पताल से लेकर सभी सीएचसी में डेंगू जांच किट तो मौजूद है लेकिन प्लेटलेट्स काउंट करने की सुविधा ही नहीं है। इससे मरीजों का इलाज शुरू करना चुनौती बना हुआ है। जनपद के भगवतपुर ब्लाक के स्थानीय ग्राम में डेंगू ने तेजी से पांव पसारना शुरू कर दिया है।ग्राम का ऐसा कोई घर नही जहा बेड पर मरीज न हो किसी किसी घर मे तो घर का घर मरीज है। पहले तो लोगों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया लेकिन अब आम लोगों के बीच सतर्कता दिखने लगी है। मच्छरों से बचने आदि के उपाय पर चर्चा होती दिख रही है। जिला अस्पताल में प्लेटलेट्स व प्लाज्मा चढ़ाने की व्यवस्था नहीं होने के कारण मरीजों को दूसरे जनपदों में इलाज कराने के लिए जाना पड़ता है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से तमाम दावे तो डेंगू से निपटने को लेकर लगातार किए जा रहे हैं लेकिन जमीनी हकीकत कोसों दूर है। डेंगू की पहचान व इलाज शुरू करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होती है प्लेटलेट्स की संख्या जानना।
जिले के अस्पतालों में इस जांच की कोई सुविधा ही नहीं है। 100 बेड हास्पिटल की भूमिका नगंडय है। आपको बता दे भगवतपुर ब्लॉक मे 100 बेड हास्पिटल का निर्माण होने से क्षेत्रीय जनमानस मे एक आशा जगी थी कि अब बिना दूर दराज गये उनके अपने घर के पास ही हर तरह के रोगो का उपचार कराना संभव हो जाएगा।लेकिन यह ठीक उसी कहावत कि हाथी के दांत खाने के कुछ और दिखाने के कुछ और की तरह साबित हो रहा है। कहने को तो 100 बेड हास्पिटल है लेकिन सुविधाओ का पूरी तरह अभाव है। कोरोना काल की महामारी से लडने के लिए बना हास्पिटल आज डेंगू वायरस की लड़ाई लड़ने मे दम तोड़ दिया है ।यहा बैठे जिम्मेदार धृतराष्ट्र की तरह भूमिका निभा रहे है अब जनता मरे या जिंदा रहे ,यहा सब राम भरोसे चल रहा है। डेंगू के बढ़ते प्रकोप को लेकर आम लोगों को भी सामने आना होगा।
जानकारों का कहना है कि अपने घरों के आसपास जमे पानी में ब्लीचिंग पाउडर या किरासन तेल का छिड़काव नियमित रुप से करना चाहिए। काफी दिनों से जमे पानी का निस्तारण करना चाहिए तथा आसपास साफ-सफाई रखना चाहिए।
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