विश्व मधुमेह दिवस
विश्व मधुमेह दिवस के उपलक्ष्य में पद यात्रा कर रक्त शर्करा को नियंत्रित रखने को डाॅ वी के जगनाणी ने आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि अनियन्त्रित रक्त शर्करा अत्यधिक हानिकारक है एवं शरीर के प्रत्येक अंग को प्रभावित कर सकता है। अनियन्त्रित रक्त शर्करा के कारण पक्षाघात, हृदयाघात, रेटिनोपैथी (आँखों की रोशनी कम होना), नेफरोपैथी (वृक्क रोग), न्यूरोपैथी (नस तन्त्र रोग), डिस्लिपीडिमिया (वसा रोग) इत्यादि होने की सम्भावना कई गुणा बढ़ जाती है।
पद यात्रा के साथ मधुमेह एवं हृदय रोग शिविर का भी आयोजन किया गया। शिविर में ४८ लोगों की जाँच हुई। इस शिविर में रक्त शर्करा, रक्तचाप, एच बी ए वन सी, फाइब्रोस्कैन (लीवर) कर डाॅ वी के जगनाणी द्वारा उचित उपचार एवं परामर्श दिया गया।
मधुमेह के साथ रक्तचाप अनियन्त्रित होना करेले पर नीम चढ़ा जैसा है। ऐसी स्थिति में उपरोक्त उलझनें कई कई गुणा बढ़कर जानलेवा भी हो सकती हैं।
मधुमेह एवं रक्तचाप को नियन्त्रण रहने से हमलोग इन उलझनों से बच सकते हैं। इसके लिए हमलोगों को पौष्टिक सादा गृह निर्मित भोजन, पर्याप्त जल का सेवन करना चाहिए। प्रयास कर प्रतिदिन १ घण्टा व्यायाम करना चाहिए। हमें अपने रोग के अनुसार चिकित्सीय परामर्श से ही ओषधि का सेवन करना चाहिए। कभी भी स्वयं उपचार का प्रयास न करें, हानि हो सकती है। आवश्यकतानुसार रक्त एवं अन्य जाँच कर ओषधि में उचित परिवर्तन चिकित्सीय परामर्श से कर नियमित सेवन करना लाभदायक सिद्ध होता है।
विश्व मधुमेह दिवस की पद यात्रा एवं शिविर में अल्केम, ऐमन, मेडले, फ्रैंको इण्डिया, जाविक, जायडस, थायरोकेयर, एस आर एल एवं गुप्ता मेडिकल के सौजन्य से आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के आयोजन में शम्स तनवीर, दीपक, विनय मिश्र, विशाल, अभिषेक, निर्मल प्रकाश, प्रवीण अग्रवाल, अश्विनी अखौरी, मोहित प्रकाश, उज्जवल सिंह, अमित झा, राजन, अविनाश गुप्त, पंकज, इर्शाद एवं आर्यन गुप्त ने बहुमूल्य योगदान दिया।
रक्तचाप नियन्त्रित रखें
: डाॅ वी के जगनाणी
विश्व हृदय दिवस के उपलक्ष्य में झारखण्ड आई ए सी सी के द्वारा राँची के सुप्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डाॅ वी के जगनाणी के नेतृत्व में प्रातः चाल का कार्यक्रम आयोजित किया गया । इस कार्यक्रम का उद्देश्य आम नागरिक में अपने हृदय के प्रति सजग रहने के लिए अलख प्रज्वलित करना था । साथ ही, रक्तचाप भी मापा गया ।
डाॅ जगनाणी ने बताया कि रक्तचाप का शरीर के विभिन्न अंगों से सीधा सम्बन्ध है । अनियन्त्रित रक्तचाप से मष्तिष्क, नेत्र, हृदय, वृक्क पर विपरीत प्रभाव होता है । ऐसे तो उच्च रक्तचाप का कुप्रभाव शरीर के प्रत्येक अंग पर होता है । अनियन्त्रित रक्तचाप के कारण पक्षाघात, हृदयाघात, नेफरोपैथी, रेटिनोपैथी हो सकता है । इसलिए रक्तचाप नियन्त्रण अति आवश्यक है ।
रक्तचाप नियन्त्रण के लिए स्वस्थ्य जीवनशैली, पौष्टिक आहार, पर्याप्त जल एवं नियमित व्यायाम आवश्यक है । प्रयास कर, प्रतिदिन आधा किलो फल एवं हरे शाक का सेवन करना रक्तचाप नियन्त्रण में लाभकारी है । साथ ही मोटा अनाज के सेवन से हृदय रोग की सम्भावना घटने लगती है । फास्टफूड, जंकफूड, पैक्डफूड, टिण्डफूड, तला हुआ भोजन, शराब, धुम्रपान एवं तम्बाकू के सेवन से बचना चाहिए; ये सभी रक्तचाप तथा हृदय सम्बन्धित रोग की वृद्धि करते हैं । प्रतिदिन १ घण्टा व्यायाम जैसे कि पदचाल, तैराकी, आसन, सायकल चालन अत्यन्त लाभदायक है ।
इस कार्यक्रम के संचालन में डाॅ अमर कुमार, डाॅ ए के सिंह, डाॅ अलका ग्वालरे, डाॅ राकेश कुमार का विशेष योगदान रहा । आज विश्व हृदय दिवस में ग्लेनमार्क के पुष्कर, शोएब, बलवन्त, जितेन्द्र, प्रेम एवं अमित के सहयोग से सम्भव हो सका है ।
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