श्रमिकों की हाजिरी में गड़बड़ी रोकने के लिए 3 स्तर पर होगी निगरानी

श्रमिकों की हाजिरी में गड़बड़ी

 रोकने के लिए 3 स्तर पर होगी निगरानी


ग्राम पंचायत, ब्लॉक और जिला स्तर पर उपस्थिति का सत्यापन किया जाएगा

जनपदों को प्रत्येक दिन रिपोर्ट मनरेगा मुख्यालय को भेजने के दिये गये निर्देश

लखनऊ। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मनरेगा का क्रियान्वयन पूरी पारदर्शिता, संवेदनशीलता व गम्भीरता के साथ करने के निर्देश समस्त सम्बन्धित अधिकारियो को दिये है।उन्होने कहा है कि योजना के क्रियान्वयन पर पैनी नजर रखी जाय, कही पर कोई अनियमितता या लापरवाही पायी जाय, तो दोषी लोगो के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियो व कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जाय।
ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी नये निर्देशों के क्रम में ग्राम्य विकास विभाग मुख्यालय द्वारा समस्त जिलाधिकारियों/जिला कार्यक्रम समन्वयकों को मनरेगा के अंतर्गत कार्यरत मजदूरों की उपस्थिति से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किये है। निर्देशो मे कहा गया है कि मौजूदा कर्मचारियों के साथ जिला और विकास खण्ड स्तर पर समर्पित एनएमएमएस निगरानी प्रकोष्ठों का गठन किया जाएगा, जो एनएमएमएस के माध्यम से अपलोड किए गए फोटो की दैनिक जांच, फोटो सत्यापन और विसंगतियों की रिपोर्टिंग के लिए जिम्मेदार होंगे।
तीन स्तर पर होगी निगरानी-
पंचायत स्तर पर पदाधिकरियों द्वारा सभी अपलोड की गई तस्वीरों व उपस्थिति का शत-प्रतिशत सत्यापन किया जायेगा। पंचायत स्तर पर ग्राम रोजगार सेवक एवं पंचायत सचिव द्वारा सभी अपलोड की गई तस्वीरों और उपस्थिति का 100% सत्यापन किया जाएगा। विकास खण्ड स्तर पर कार्यक्रम अधिकारी, ब्लॉक स्तरीय स्थायी कर्मचारी और ब्लॉक स्तरीय संविदा/आउट सोर्स कर्मचारी, ब्लॉक में प्रत्येक 200 तस्वीरों या अपलोड की गई तस्वीरों के 20 प्रतिशत की जांच करेंगे, और रेंडम जांच करेंगे। जिला स्तर पर जिला कार्यक्रम समन्वयक के द्वारा 30 तस्वीरों की जांच की जानी है। जिला स्तरीय स्थायी कर्मी के द्वारा 100 तस्वीरों या अपलोड की गई तस्वीरों का 10 प्रतिशत एवं जिला स्तरीय संविदा कर्मी/आउट सोर्स कर्मचारी के द्वारा 200 तस्वीरों या अपलोड की गई तस्वीरों का 10 प्रतिशत, की जांच करेंगे, रैंडम रूप से जांच की जाएगी।अपलोड की गई सभी तस्वीरें व श्रमिकों की उपस्थिति का विवरण अनिवार्य रूप से डाउनलोड करके जिला कार्यालय की हार्ड डिस्क में संरक्षित किया जाएगा। जिला अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सभी ग्राम पंचायतों (ब्लॉकवार) से प्रत्येक कार्य के लिए, प्रत्येक दिन के लिए अपलोड की गई सभी तस्वीरों की एक साफ्ट कॉपी (नरेगा साफ्ट से डाउनलोड की गई) संरक्षित करेगा। पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण या सामाजिक अंकेक्षण (Social Audit) के दौरान दस्तावेजीकरण के प्रमाण के रूप में इसे प्रस्तुत किया जाएगा। सभी तस्वीरें और आवश्यक जानकारी निगरानी यात्रा दल (Monitoring Visit Team) या सामाजिक अंकेक्षण दल (Social Audit) को प्रस्तुत की जाएगी। यह अभिलेख कम से कम एक वर्ष या सामाजिक अंकेक्षण होने तक रखे जाएंगे।
जारी निर्देशों मे कहा गया है कि नव विकसित प्रणाली लागू होने तक, जनपदों द्वारा मैन्युअल सत्यापन प्रक्रिया सुनिश्चित की जानी चाहिए।
आयुक्त, ग्राम्य विकास जी0एस0 प्रियदर्शी द्वारा अवगत कराया गया कि इस निगरानी श्रृंखला और सुधारात्मक उपाय का उद्देश्य जवाबदेही बहाल करना, डेटा की अखंडता को सुनिश्चित करना और विशेष रूप से एनएमएमएस अनुप्रयोग की पारदर्शिता के मामले में मनरेगा कार्यों में जनता का विश्वास बढ़ाना है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा दिये गये निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करते हुए प्रति दिवस रिपोर्ट मनरेगा मुख्यालय को प्रेषित करने हेतु जनपदों को निर्देशित कर दिया गया है।

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