झारखंड में दिशोम गुरु का नाम रहेगा अमर : सांसद

झारखंड में दिशोम गुरु का 

नाम रहेगा अमर : सांसद




खूंटी, 4 अगस्त (हि.स.) पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन पर खूंटी में शेक की लहर दौड़ गई। पक्ष-विपक्ष कें सभी नेताओं ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताया। सोशल मीडिया पर सोमवार को दिन भर शोक संवेदनाओं का तांता लगा रहा। पूर्व मुख्यमंत्री के निधन पर सांसद कालीचरण मुंडा ने कहा कि झारखंड आंदोलन के प्रणेता, दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद एवं अपूरणीय क्षति है। वे न केवल झारखंड के जन-जन के हृदय में बसते थे, बल्कि आदिवासी समाज के स्वाभिमान और अधिकारों की आवाज भी थे। उनका संपूर्ण जीवन संघर्ष, त्याग और झारखंड की अस्मिता के लिए समर्पित रहा। उनके निधन से प्रदेश ही नहीं, देश ने एक महान जननायक को खो दिया है।

उन्‍होंने कहा कि झारखंड की धरती पर दिशोम गुरु का नाम अमर रहेगा। दूसरी ओर पूर्व सांसद कड़िया मुंडा, पूर्व विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा, कोचे मुंडा सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के अनेक नेताओं ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उनके निधन को राज्य के लिए अपूरणीय क्षति बताया।

झामुमो और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दी श्रद्धांजलि

दिशोम गुरु के निधन की सूचना मिलते ही क्षेत्र के झामुमो, कांग्रेस सहित अन्य दलों के कार्यकर्ताओं में शोक की लहर फैल गई। स्थानीय झामुमो और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने खूंटी डाकबंगला में मंगलवार को श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन कर दिशोम गुरु शिबू सोरेन की तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित की गई। साथ ही दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन धारण कर ईश्वर से प्रार्थना की गई।

श्रद्धांजलि कार्यक्रम में झामुमो के केंद्रीय समिति सदस्य सह जिला उपाध्यक्ष मगन मंजीत तिड़ू, कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष सुशील सांगा, सयूम अंसारी समेत झामुमो कांग्रेस के अन्य कार्यकर्ता शामिल थे।

जिला प्रशासन ने दी श्रद्धांजलि

गुरुजी क निधन पर सोमवार को समाहरणालय स्थित सभागार में जिला प्रशासन ने शोकसभा का आयोजन कियाा, जहां उपायुक्त आर. रॉनिटा, उप विकास आयुक्त आलोक कुमार सहित समाहरणालय के सभी पदाधिकारियों और कर्मियों ने दो मिनट का मौन रखकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियों और कर्मियों ने शिबू सोरेन के योगदानों को स्मरण करते हुए उनके जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही। कहा गया कि शिबू सोरेन ने झारखंड राज्य की पहचान और आदिवासी समाज के अधिकारों और सामाजिक न्याय के लिए जो संघर्ष किया, वह हम सभी के लिए प्रेरणा स्मरणीय रहेगा।

Post a Comment

0 Comments