मानसिक रोग पागलपन नहीं यह सार्वभौमिक मानव अधिकार है।

मानसिक रोग पागलपन नहीं 

यह सार्वभौमिक मानव अधिकार है।


वाराणसी (राम आसरे)। मंगलवार को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर दी हेल्स सिटी हॉस्पिटल सिटी टी ब्यूरो सिटी हॉस्पिटल की तरफ से पराड़कर स्मृति भवन में मानसिक रोगों के प्रति जनसामान्य को जागरुक करने के लिए एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। जिसमें डॉ. जिजात ओहरी तथा डॉ. शिवांगी श्रीवास्तव मानसिक स्वास्थ दिवस पर बताया कि हमारे समाज में मानसिक रोगों को पागलपन की संज्ञा दी जाती है। यह पागलपन नहीं बल्कि यह एक ऐसी अवस्था है, जिसका निदान संभव है लोग अपनी असामान्य परिस्थितियों का समस्या समाधान कर सकने में जब असमर्थ होते हैं तब उनमें अनेक प्रकार के लक्षण देखे। जाते है. जैसे लोगों से मिलना जुलना बंद कर देना या रुचियों को कम कर दिया जाना, नीट और भूस्य का कम हो जाना, उदास बने रहना, बात-बात पर क्रोधित या और जावेशित हो जाना, बेहोश होना, शारीरिक दर्द का होना इत्यादि। उपस्थित चिकित्सकों के द्वारा यह भी जानकारी दी गई कि दी हेल्थ सिटी हॉस्पिटल दी न्यूरो सिटी हॉस्पिटल में मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित सभी प्रकार की जांच एवं उपचार की समस्त सुविचार उपलब्ध है। प्रेसवार्ता के समापन पर दी हेल्थ सिटी हॉस्पिटल, दी ब्यूरो सिटी हॉस्पिटल के चेयरमेन डॉ. राकेश सिंह ने सभी उपस्थित पत्रकार बंधुओं का अभिनंदन करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।

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