किसानों की उपज को अंतरराष्ट्रीय बाजार दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध: दिनेश प्रताप सिंह

किसानों की उपज को अंतरराष्ट्रीय 

बाजार दिलाने के लिए सरकार 

प्रतिबद्ध: दिनेश प्रताप सिंह





उत्तर प्रदेश राज्य औद्यानिकी निर्यात प्रोत्साहन बोर्ड की प्रथम बैठक संपन्न

कृषि विशेषज्ञों, संस्थानों और निर्यातकों ने साझा किए सुझाव और रणनीतियाँ

मूल्य संवर्धन और खाद्य प्रसंस्करण पर जोर, निर्यात को मिलेगा बढ़ावा

उद्यान विभाग और एएफसी इंडिया लिमिटेड के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर

सिंगल विंडो समाधान के रूप में निर्यातकों और एफपीओ को मिलेगा समेकित समर्थन

लखनऊ। प्रदेश में औद्यानिक फसलों के निर्यात को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से शुक्रवार को लखनऊ स्थित उद्यान निदेशालय के ऑडिटोरियम में उत्तर प्रदेश राज्य औद्यानिकी निर्यात प्रोत्साहन बोर्ड की पहली बैठक एवं निर्यात प्रोत्साहन कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश का उद्यान विभाग निरंतर प्रगति कर रहा है। किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य और वैश्विक पहचान दिलाने के लिए राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य औद्यानिकी निर्यात प्रोत्साहन बोर्ड का गठन किया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में संपन्न आम महोत्सव 2025 ने प्रदेश की ब्रांडिंग में बड़ी भूमिका निभाई है, जिसके फलस्वरूप उत्तर प्रदेश का आम रूस जैसे देशों में 800 रूपए प्रति किलो तक बिक रहा है।
उद्यान मंत्री ने कहा कि निर्यातक और एफपीओ प्रदेश की स्थानीय फसलों को वैश्विक मानक के अनुरूप तैयार करें। छोटे-छोटे एफपीओ अपने क्षेत्रों की विशिष्ट फसलों को अंतरराष्ट्रीय मंच दें। उन्होंने कहा कि जेवर एयरपोर्ट का निर्माण पूर्ण होने के बाद प्रदेश की फल-सब्जियों और कृषि उत्पादों का हवाई मार्ग से निर्यात एक नई ऊंचाई प्राप्त करेगा। उन्होंने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना पर अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता दी जा रही है। आगरा में आलू का अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र स्थापित किया जा रहा है। विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं, तकनीकी कार्यक्रमों तथा पर ब्लॉक वन क्रॉप के माध्यम से लगातार किसानों की आमदनी को बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है।
कार्यशाला के अंत में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उत्तर प्रदेश और एएफसी इंडिया लिमिटेड (नाबार्ड की अनुषंगी संस्था) के बीच सिंगल विंडो समाधान को लेकर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता निर्यात से जुड़े एफपीओ, एफपीसी और उद्यमियों को एक ही मंच पर तकनीकी, वित्तीय और प्रक्रिया संबंधी सहायता प्रदान करेगा।
अपर मुख्य सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण बी0 एल0 मीणा ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य औद्यानिकी निर्यात प्रोत्साहन बोर्ड के गठन का उद्देश्य निर्यात प्रोत्साहन हेतु समस्त हितधारकों के मध्य समन्वय स्थापित कराना, निर्यात मांग के अनुरूप गुणवत्तायुक्त उत्पाद उपलब्ध कराना है। औद्यानिक फसल कम क्षेत्रफल में अधिक मुनाफा देती है, निर्यात से किसानों की आमदनी में और अधिक वृद्धि होगी।
निदेशक कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार टी0 के0 शिबू ने कहा कि निर्यात प्रोत्साहन हेतु उत्तर प्रदेश सरकार की निर्यात नीति के अंतर्गत निर्यातक प्रदेश के उपज को देश-विदेश में भेजने का कार्य कर रहे हैं, जिनकों उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है।
कार्यशाला में सीआईएसएच लखनऊ के वैज्ञानिक डॉ. कर्मवीर ने निर्यात प्रोत्साहन हेतु अच्छी कृषि संक्रियाएं पर जानकारी दी। एपीडा के उपमहाप्रबंधक डॉ. सी.बी. सिंह ने प्रदेश में औद्यानिक उत्पादों के निर्यात की स्थिति एवं संभावनाओं पर प्रकाश डाला। डेलायट प्रतिनिधि श्री शाश्वत देवरा ने निर्यात के वर्तमान व संभावित गंतव्यों का विश्लेषण प्रस्तुत किया। लैम्पेरो फोस स्मार्ट ग्रीन फ्रेंचाइज के सव्यसाची दत्ता ने औद्योगिक क्लस्टर मॉडल को निर्यात में सहायक बताया। केंद्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र के वैज्ञानिक ने निर्यात-योग्य उत्पादों के पैकिंग एवं शोधन तकनीकों के वैज्ञानिक पहलुओं को समझाया। एफआईईओ कानपुर के सहायक निदेशक आलोक श्रीवास्तव ने विभिन्न निर्यात गंतव्यों पर लागू कर दरों की जानकारी दी, जिससे निर्यातकों को नियोजन में सहायता मिलेगी। एग्रीकल्चर फाइनेंस कॉरपोरेशन इंडिया लि. के स्टेट हेड अवनेष कलिक ने कहा कि प्रोजेक्ट आधारित योजनाएं ही निर्यात को बढ़ावा देंगी।
इस कार्यशाला में औद्यानिक निर्यात प्रोत्साहन दिग्दर्शिका-2025 का विमोचन किया गया। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशक बीपी राम द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। प्रदेश के औद्यानिक उत्पादन तथा उपज एवं उत्पादों से जुड़े प्रगतिशील कृषक, निर्यातक, एफपीओ, एफपीसी, सीआईएसएच, मंडी परिषद, कृषि विपणन विभाग, एपीडा, एफआईईओ, डेलायट और एग्रीकल्चर फाइनेंस कॉरपोरेशन इण्डिया लि. सहित विभिन्न संस्थानों और हितधारकों के प्रतिनिधियों, संयुक्त निदेशक, उपनिदेशक, जिला उद्यान अधिकारियों ने भाग लिया।

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