रांची अवर निबंधक कार्यालय : सबकुछ तो रहता है सब रजिस्टार के चहेतों के पास तो ईडी को खाक मिलेगा (?)

रांची अवर निबंधक कार्यालय : 

सबकुछ तो रहता है सब रजिस्टार 

के चहेतों के पास तो ईडी 

को खाक मिलेगा (?)


गत दिनों सेना के जमीन की फर्जी कागजात मामले में पूर्व सब रजिस्टार घांसीराम पिंगुवा और वर्तमान सब रजिस्टार वैभव मणि त्रिपाठी के यहां ईडी ने छापेमारी की थी, इस पर बहुत चर्चाओं का बाजार गर्म था कई दिनों तक रांची अवर निबंधक कार्यालय से लेकर प्रांगण तक में संनाटा पसरा था, दलाल और कई धनाढ्य दस्तावेज नवीसों की महंगी गाङयां अवर निबंधक कार्यालय प्रांगण में लगना बंद हो गयी थी। फिर कुछ दिन बाद अब स्थिति सामान्य हुई है! उक्त संबंध में रांची कचहरी में चर्चा थी कि ईडी के कार्रवाई में क्या मिलेगा ? कारोबार के सारे हिसाब किताब तो रांची अवर (?) निबंधक के चहेते दस्तावेज नवीसों के पास होता है। चर्चा तो यह भी है कि एक बार धनाढ्य और मनबढू दस्तावेज नवीसों पर भी ईडी की कार्रवाई होनी चाहिए जिससे यह तो पता चले कि इनके पास इतना धन आया कहां से और कैसे ?

जिससे 40 -45 लाख की महंगी गाङियां घर मकान, महंगा फ्लैट, जमीन जैस आकूत संपत्ति अर्जित इन्होंने अर्जित कैसे किया (?) जहां तक रही बात झारखंड दस्तावेज नवीस संघ (राँची ईकाई) की तो इसके पदाधिकारी अपने सदस्यों और पब्लिक के हित में कम और अपने हित में संगठन और पद का दुरूपयोग करके ज्यादा लाभ अर्जित करते हैं चर्चा तो यह भी है कि ये पदाधिकारी चुनाव जीत कर आते हीं संघ में इसलिए हैं कि ये अपने प्रभाव का उपयोग कर के लाभ अर्जित कर सकें, रांची अवर निबंधक भी यही मानकर चलते हैं कि संगठन और संगठन के पदाधिकारीगण उनके गठबंधन में हैं तो उनका कोई क्या करलेगा (?)

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