फेसबुकिया मित्र .......
फेसबुक पर कई मित्र बन जाते है ,
बेहतरीन अंदाज से ये अपना
एक अलग ही परिचय करवाते है !
सब यहां विधायक के चाचा जी ,
और मंत्री जी के भतीजे कहलाते है ,
महापौर से अच्छे संबंध रहते इनके ,
और पार्षद जी के घनिष्ट बतलाते हैं।।
फेसबुकिया मित्र के विचार से ,
आया बेहतरीन एक ख्याल है !
कि, जीवन के गुटके के लिए ,
जैसे जरूरी एक पान दान हैं ।
फेसबुक बिना नही आजकल ,
कोई भी अब शाही खानदान हैं ।।
फेसबुक के मित्र भी हमारे
गुलाब से खिल उठते हैं,
देख हकीकत मैं मित्र को अपने
जब वे अपनी खुशी जताते है ।
रहते साथ सदा पटल पर ये ,
हर खुशी और गम मिलकर मनाते है ।
अच्छे अच्छे शुभ संदेशों से लगभग
रोज आपको यह बहुत हर्षाते है ।।
पर रहना तुम जरा होशियार ,
भावनाओं मैं मत वह जाना !
कोई यदि जानकारी पूछे तो ,
दिन , महीने तुम साल बताना ।
मीठी मीठी बातों से भरे लबालब ,
कुछ मैसेंजर मैं अपने रंग दिखाते है ।
हर तरह के व्यक्तित्व के हैं लोग यहां
कुछ अच्छे ,कुछ बुरे, कुछ बेहतरीन
" फेसबुकिया मित्र कहलाते हैं " ।।
आशी प्रतिभा दुबे (स्वतंत्र लेखिका)
ग्वालियर ,मध्य प्रदेश (भारत )
मैं ये घोषणा करती हूं , की यह रचना मेरे द्वारा लिखी गई है स्वरचित मौलिक, एवम सर्व अधिकार सुरक्षित है।
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