राजकीय पाण्डुलिपि पुस्तकालय संस्कृति विभाग के तत्वावधान में दुर्लभ पाण्डुलिपियों की चित्र प्रदर्शनी

 राजकीय पाण्डुलिपि पुस्तकालय संस्कृति विभाग के

 तत्वावधान में दुर्लभ पाण्डुलिपियों की चित्र प्रदर्शनी 


प्रयागराज (राम आसरे)। बुधवार को ऋषि पञ्चमी के अवसर पर शंकराचार्य आश्रम अलोपी बाग प्रयागराज में राजकीय पाण्डुलिपि पुस्तकालय संस्कृति विभाग के तत्वावधान में ऋषियों की कृति पर आधारित दुर्लभ पाण्डुलिपियों की चित्र प्रदर्शनी एवं सन्तों एवं विशिष्ट जनों का सम्मान का कार्यक्रम आयोजित किया गया। सम्मान के अंतर्गत अंगवस्त्रम, नारियल तथा सचित्र रामचरितमानस के पृष्ठ पर आधारित प्रतीक चिह्न प्रदान किया गया। 25 ऋषियों यथा विमान शास्त्री महर्षि भरद्वाज, वेदव्यास, शंकराचार्य, गणितज्ञ भाष्कराचार, आयुर्वेदाचार्य धन्वन्तरि, वागभटट व चरक आदि विधा कर्मकांड, ज्योतिष, योग के प्राचीन ऋषियों की कृत पर आधारित दुर्लभ प्रदर्शनी का उद्‌घाटन ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्‌गुरु स्वामी वासुदेवानन्द सरस्वती महाराज ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया तथा प्रदर्शनी के ब्रोशर का विमोचन भी हुआ। सभी सम्मानित सन्त जनों ने दुर्लभ पाण्डुलिपि प्रदर्शनी का अवलोकन कर विभाग द्वारा कराये जा इस प्रकार के कार्यक्रमों की सराहना की।
अपने उद्बोधन में महामण्डलेश्वर स्वामी रामगोपाल दास महाराज ने कहा कि ऋषि पञ्चमी के अवसर पर आयोजित यह प्रदर्शनी ऋषियों के एवं सत्तों के सम्मान का घोतक है। श्री 1008 स्वामी हरि चैतन्य ब्रहमचारी ने कहा कि यहाँ प्रदर्शित समस्त पाण्डुलिपियाँ हमारे ऋषियों मुनियों की देन है जिसे ऋषियों ने अधिक परिश्रम से लिखा था। अध्यक्षीय उद्बोधन में शंकराचार्य भगवान ने पांडुलिपि पुस्तकालय संस्कृति विभाग द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी की सराहना करते हुये कहा कि आज प्रदर्शनी का आयोजन समाज के हर क्षेत्र में करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर प्रयागराज के विशिष्ट सन्तों का सम्मान भी किया गया। इसमें प्रमुख रूप से सुरेश सिंह पुरी पीठ शिव गंगा आश्रम के संचालक, स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती, स्वामी अद्वैतानन्द सरस्वती आदि सम्मिलित थे।
इस अवसर पर पथरचट्टी रामलीला कमेटी में मंचन करने वाले मुस्लिम समुदाय के कलाकारों का भी सम्मान किया गया जो रामलीला में राम लक्ष्मण शंकर आदि का अभिनय करते हैं। इस अवसर पर ओंकार नाथ त्रिपाठी, डॉ0 शम्भूनाथ त्रिपाटी, डॉ0 शालिनी वाजपेयी आदि को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में डॉ० ओ० पी० एल० श्रीवास्तव, डॉ० आर० एन० पाल, सत्यम, शैलेन्द्र यादव उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 अरुण त्रिपाठी तथा आये हुये अतिथियों के प्रति आभार प्रकट गुलाम सरवर पाण्डुलिपि अधिकारी द्वारा किया गया।

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