राष्ट्रीय चेतना मंच 29 जनवरी 2025

  राष्ट्रीय चेतना मंच 

29 जनवरी 2025

परिवार के सभी प्रियजनों को मेरी राम राम, बड़ों को नमन, छोटों को ढेर सारा प्यार। आज का दिन आप सभी के लिए आनंदमय व मंगलमय हो।

आज बुधवार 29 जनवरी , माघ मास की अमावस्या है, इसे मौनी अमावस्या भी कहते हैं। प्रयागराज के महाकुंभ में आज अमृत स्नान होगा, आज मौन रहकर जप तप भक्ति करने की परंपरा है।

सत्य को जाने... 30 वर्ष तक कनाडा, यूरोप, मध्य एशिया और पूर्व एशिया के अनेक देशों के साथ व्यापार करते हुएं, वहां रहते हुए, मैंने जो अनुभव किये, उन्हें आपके साथ साझा करना चाहता हूं ताकि आप जान सके कि हम भारतवासी कितने सौभाग्यशाली है कि हमारा जन्म उस पवित्र भूमि पर हुआ है जिसकी रचना स्वयं परमपिता परमात्मा ने की है।

यहां का रंग-बिरंगा मौसम (भिन्न-भिन्न प्रकार का मौसम), रंग-बिरंगा भोजन (विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन) तथा अपनापन ( किसी भी अनजान के प्रति प्रेम व सद्भाव) विश्व के किसी भी अन्य देश में देखने को नहीं मिलता। भारत का दुर्भाग्य... अत्यधिक आबादी, भ्रष्ट प्रशासन व चारों ओर फैली गंदगी। यदि हम आबादी पर नियंत्रण कर सकें, भ्रष्टाचार को दूर कर सके और  दृढ़ संकट द्वारा गंदगी से छुटकारा पा सके, तो हमारा देश कुछ ही समय में विश्व का सबसे सुंदर व समृद्ध देश बन सकता हैं। 

 भगवान हमारे प्रति इतना दयालु हैं... उन्होंने ने हमें प्रचुर मात्रा में सभी प्रकार के प्राकृतिक साधन दिये है, आकाश में टिमटिमाते सितारे, भिन्न-भिन्न प्रकार के खनिज व विभिन्न प्रकार की जड़ी बूटियों से परिपूर्ण लंबी-लंबी पर्वतीय श्रृंखलाएं, नाना प्रकार के पेड़ पौधों से सुसज्जित घने जंगल, लंबा-चौड़ा रेगिस्तान, साफ-सुथरा विस्तृत समुद्रीतट, नदियों में बहता पवित्र जल, पौष्टिक तत्वों से परिपूर्ण भिन्न-भिन्न प्रकार के अनाज, मन मोह लेने वाले नाना प्रकार के फल फूल व हरी सब्जियां, दूध दही की नदियां और बहुत ही मेहनती व तीव्र बुद्धि के धनी हमारे सभी बहन भाई। भगवान ने भारत को क्या नहीं दिया, सभी कुछ तो दिया है कोई कमी नहीं छोड़ी, परंतु अंधकार की ओर ले जाने वाली, भ्रमित पश्चिमी सभ्यता व सोच ने हमारे मन मस्तिष्क को इतना दूषित कर दिया है कि सत्य जानने की क्षमता हमारे अंदर बच्ची ही नहीं, अब तो हमारे शत्रुओं ने हमें चारों ओर से हमें घेर लिया है और स्वार्थ व मक्कारी का इतना बड़ा जाल बिछा दिया है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो संभव है कि दुश्मन के इस मायाजाल से हम कभी निकल ना पाये। 

स्कूलों में अंग्रेजी शिक्षा के माध्यम से परोसे गए अधपके ज्ञान ने, इंजीनियर डॉक्टर ( भारत का अन्न खाओ, गरीबों के पैसों से डॉक्टर इंजीनियर की उपाधि लो और विदेश जाकर गोरों की गुलामी करों) बननें की भूख ने, पश्चात भोजन के बढ़ते हुए प्रभाव ने, टूटते हुए संयुक्त परिवारों के कारण, भारत में अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के बढ़ते हुए विस्तार ने और मुसलमानों की आबादी बढ़ाओ और राज करो कि नीति ने, हमारे मक्कार व भ्रष्ट नेताओं के स्वार्थ ने, हमारी इस स्वर्ग तुल्य भारत भूमि को नर्क बना दिया है, जहां मेहनती और ईमानदार लोगों का जीवन दुर्लभ हो गया हैं ।

 मठों मंदिरों के पुजारी, राम कृष्ण को मानने वाले, गंगा में डुबकी लगाकर पाप धोनें वाले इन महामक्कार नेताओं से क्या जनता पूछ सकती हैं, आपका चरित्र इतना दोहरा क्यों , आपकी कथनी करनी में इतना अंतर क्यों। सत्ता के प्रलोभी, ऐशों आराम के पुजारी, स्वार्थी नेताओं जागो जागो जागो, अपने कर्तव्य को पहचानो और सत्य को अपनाकर स्वर्ग तुल्य भरत भूमि व इसकी महान संस्कृति को बचा लो। अफगानिस्तान, पाकिस्तान, कश्मीर व बांग्लादेश का उदाहरण आपके सामने है, आपका भी यही हाल निश्चित है, आपके बड़े-बड़े महल, आपकी धन दौलत आपके काम नहीं आएंगी। कुछ समय बच्चा है, संभल जाओ, वरना आगे महाकाल है। जय हिंद, जय भारत। इस वीडियो को अवश्य देखें, इस पर मनन करें और सभी परिजनों व मित्रों तक अवश्य पहुंचाएं।

-मोती लाल गुप्त

Post a Comment

0 Comments