"जिसका कोई नहीं
उसका भगवान साथ देते हैं"
हरमू मुक्तिधाम में किया गया राजू कुमार का दाह संस्कार. आज चौवन वर्षीय राजू कुमार जो जनजातिय समाज से था, की मृत्यु प्राकृतिक कारणों से हो गई. राजू कुमार पिछले पच्चीस वर्षों से अधिक समय से राधारानी कुष्ठ आश्रम में रहते थे. बीमारी के कारण घरवालों ने उन्हे त्याग दिया था और उन्होंने घर को. वह खुद भी भूल चुके थे कि वह कहां से है. ठीक होने के बाद वह वहीं आश्रम में रहकर कुष्ठ रोगियों की सेवा किया करते थे. उनका आगे पीछे कोई नहीं था अतः विश्व हिन्दू परिषद झारखंड के सेवा विभाग के विश्व हिन्दू परिषद झारखंड के प्रांतीय सह सेवा प्रमुख अशोक कुमार अग्रवाल ने उनके विधिवत दाह संस्कार करने का बीड़ा उठाया.
नारनौली अग्रवाल समाज के संतोष अग्रवाल जिन्होने अबतक 50 से अधिक अनाथ शवों का दाह संस्कार किया है, अपने अनुज राजेश अग्रवाल के साथ उनको मुखाग्नि दी और चिता को सजाया विजय मिंज ने. प्रकाश बजाज, ओम प्रकाश सर्राफ, जितेन्द्र महतो कांके, अभय मिंज, आशीष मिंज, मनोज मुंडा काटमकुल्ली पिठूरिया, उत्तम साहू राहे, महेन्द्र लोहरा जगन्नाथपुर, विहिप के प्रान्तीय उपाध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद सिंह मुंडा, विहिप रांची महानगर के कैलाश केसरी, सेवा विभाग के प्रांतीय सह सेवा प्रमुख अशोक कुमार अग्रवाल, महेन्द्र अरोड़ा गुरुद्वारा, चन्द्रभान तनेजा राधाकृष्ण मंदिर (बिरला मैदान) रातू रोड़ सूरज झंडई नानक सेवा जत्था सभी ने अंतिम संस्कार के समय उन्हें भावभीनी श्रद्धांजली अर्पित की और उनकी सद्गति के लिए प्रार्थना की.
विहिप सेवा विभाग के प्रवक्ता संजय सर्राफ ने बताया कि रांची महानगर में किसी भी अनाथ के दाह संस्कार का दायित्व सेवा विभाग विश्व हिन्दू परिषद झारखंड की रांची महानगर शाखा ने उठाया हुआ है. पिछले 10 वर्षों में एक हजार से अधिक मृतकों को विधिवत सनातन रीति से पंचतत्व में विलीन कराया गया है.
किसी ने सच ही कहा है जिसका कोई नहीं उसका भगवान होता है. मृतक राजू कुमार के शव को पंचतत्व में विलीन हेतु पूरा समाज उठ खड़ा हुआ.
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