जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त,
रांची श्री मंजूनाथ भजंत्री के निर्देशानुसार
पलाश झारखंड स्टेट लाइवलीहुड
प्रमोशन सोसाइटी के तत्वाधान में एक
दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम KIMDS,
नामकुम, रांची में आयोजित की गई
कृषि आधारित गतिविधियों के माध्यम से घरेलू आय में वृद्धि करना
कमोडिटी की पहचान और उनके उत्पादन को पीजी के माध्यम से बाजार तक पहुँचाने का उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना
जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त, रांची श्री मंजूनाथ भजंत्री के निर्देशानुसार पलाश झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के तत्वाधान में एक दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम KIMDS, नामकुम, रांची में आयोजित की गई।
ग्राम विकास मंत्रालय द्वारा झारखंड के 24 जिलों के 127 प्रखंडों के लिए कुल 338 अतिरिक्त इंटीग्रेटेड फार्मिंग क्लस्टर (IFC) प्रस्तावित किए गए हैं। इसमें रांची जिले के 8 प्रखंडों के 31 क्लस्टर इस योजना के अंतर्गत चिन्हित किए गए हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत डीपीएम श्री निशिकांत नीरज और डीपीसी जेआईसीए श्री अभिषेक चंद्र द्वारा कार्यक्रम के परिचय के साथ की गई। ओरिएंटेशन सत्र का संचालन पीएम, श्री संजय भगत द्वारा किया गया।
कृषि आधारित गतिविधियों के माध्यम से घरेलू आय में वृद्धि करना
इस कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि आधारित गतिविधियों के माध्यम से घरेलू आय में वृद्धि करना और आर्थिक अवसरों को सशक्त बनाना है।
विभिन्न कृषि संबंधित गतिविधियों से जोड़ा जाएगा
यह इंटीग्रेटेड फार्मिंग क्लस्टर (IFC) योजना क्लस्टर आधारित मॉडल पर आधारित है| रांची के 8 प्रखंडों के 31 चिन्हित क्लस्टर में प्रति क्लस्टर में 250-300 परिवारों (हाउसहोल्ड) की पहचान की जानी है। उन 250-300 परिवारों (हाउसहोल्ड) को विभिन्न कृषि संबंधित गतिविधियों से जोड़ा जाएगा, जैसे, कृषि (अनाज, दलहन, तिलहन आदि), बागवानी (फल, फूल, सब्जियाँ, वृक्षारोपण फसलें, मसाले आदि), पशुपालन (बड़े रूमिनेंट्स, छोटे रूमिनेंट्स, नॉन-रूमिनेंट्स, मुर्गी पालन, बत्तख पालन, सुअर पालन आदि), मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, NTFP वनों से गैर-लकड़ी उत्पादों, और गैर-कृषि आधारित गतिविधियां
व्यवसाय योजना के तहत कमोडिटी की पहचान और उनके उत्पादन को पीजी के माध्यम से बाजार तक पहुँचाने का उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना, स्थिर बाजार मूल्य सुनिश्चित करना और कृषि उत्पादों के विपणन चैनल को मजबूत करना है एवं आगामी कार्य योजना के अनुसार परिवारों (हाउसहोल्ड) एवं सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों (सीआरपी) की पहचान अगले माह तक की जानी है।
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