राष्ट्रीय चेतना मंच
12 फरवरी 2025
परिवार के सभी प्रियजनों को मेरी राम-राम। बड़ों को नमन, छोटों को ढेर सारा प्यार। आज का दिन आप सभी के लिए आनंदमय व मंगलमय हो।
आदिगुरु शंकराचार्य---- का जन्म केरल के कालड़ी गांव में हुआ था, वे आठवीं सदी के भारतीय दार्शनिक और एक महान धर्मगुरु थे, भगवान शिव के अवतार माने जाने वाले शंकराचार्य ने कम उम्र में ही संन्यास ले लिया था,
आदि गुरु शंकराचार्य का जन्म वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को हुआ था, उनके पिता का नाम शिवगुरु और माता का नाम आर्यम्बा था, बचपन में उनका नाम शंकर रखा गया था, दो साल की उम्र में ही वे धाराप्रवाह संस्कृत बोल और लिख सकते थे, आठ वर्ष की उम्र में उन्होंने चारों वेद कंठस्थ कर लिए थे, उन्होंने बद्रीनाथ मंदिर की स्थापना की थी, उन्होंने भारत के चार कोनों में चार मठों की स्थापना की थी, उन्होंने 32 साल की उम्र में बद्रीनाथ में समाधि ली, उनकी शिक्षाओं का हिंदु धर्म के विकास पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ा, उन्होंने बौद्ध धर्म के पतन में अहम भूमिका निभाई थी, उन्होंने रूढ़िवादी हिंदू परंपराओं और विधर्मी गैर-हिंदू परंपराओं दोनों का अपने दर्शन में प्रचार किया। नमन है हमारा, इस महान संत व महान दर्शनिक के कमल चरणों पर.... सत्यमेव जयते।
-मोती लाल गुप्त
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