झारखंड के सभी मुस्लिम
नेता जल्द बैठक कर आगे की
रणनीति तय करेंगे
![]() |
हसन अंसारी |
वक़्फ़ संशोधन विधेयक 2024 में पार्टी के निर्णय से मुस्लिम समाज आहत है
वक़्फ़ बिल संशोधन 2024 पूरी तरह मुस्लिम विरोधी बिल
रांची :: लंबी-चौड़ी बहस के बाद राज्यसभा में भी वक्फ संशोधन बिल पास हो गया. अब इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा, जहां से मंजूरी मिलने के बाद ये कानून बन जाएगा. इससे पहले झारखंड की आजसू पार्टी के समर्थन के बाद मुस्लिम नेताओं में नाराजगी खुलकर सामने आई है. आजसू पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष हसन अंसारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा वक़्फ़ संशोधन विधेयक 2024 से देश में अफरा तफरी का माहौल है विशेषकर मुस्लिम समाज में एक बेचैनी है.आजसू पार्टी एनडीए फोल्डर में है. 3 अप्रैल को संयुक्त प्रेस वार्ता जो उतनी छोटा नागपुर प्रमंडलीय बैठक के बाद हुई थी उसमें मैंने वहीं बोला था जिसे पार्टी के सांसद ने लोकसभा में अपने अभिभाषण में कहा थावह मेरा विचार नहीं था. मुस्लिम समाज आजसू पार्टी के निर्णय से पूरी तरह से आहत है।इस निर्णय सेआजसू पार्टी के धर्मनिरपेक्ष छवि पर कुठारघात हुआ है. हम पार्टी के निर्णय से पूरी तरह असहमत हैं, हम पूरी तरह भारत के मुसलमान के भावना के साथ हैं खड़े हैं. इस पूरे प्रकरण से उपजे परिस्थितियों का आकलन करने और भावी राजनीति के लिए झारखंड के सभी जिलों सभी प्रखंडों से आजसू पार्टी के मुस्लिम नेताओं की एक वृहद और विस्तारित बैठक कर जल्द ही आगे की रणनीति तय किया जाएगा । ताकि पार्टी के साथ किस रूप में चल सकते हैं या पार्टी मुस्लिम नेताओं को किस रूप में संतुष्ट कर पाती है इसका हो सके आजसू पार्टी जो 1986 मैं स्थापित हुई तब से मैं इससे जुड़ा हूं,अब तक पार्टी के धर्मनिरपेक्ष ने धर्मनिरपेक्ष छवि पर कोई नुकसान नहीं हुआ था लेकिन पार्टी के वक़्फ़ बिल पर समर्थन के बाद उसकी धर्मनिरपेक्ष छवि को नुकसान हुआ है इतने गंभीर विषय पर आजसू पार्टी ने निर्णय लेने से पहले केंद्रीय कार्य समिति में मसौदा को लाना चाहिए था शीर्ष नेताओं से विचार विमर्श करना चाहिए था जो आजसू पार्टी ने नहीं किया बिना राय के पार्टी ने वक़्फ़ बिल पर अपना समर्थन दिया जो कि पार्टी के सामूहिकता के सिद्धांत के विपरीत है.। वक़्फ़ बिल मुस्लिम के हित के लिए नहीं बल्कि वह वक़्फ़ की संपत्ति पर नियंत्रण करने के लिए लाया गया है ताकि वक़्फ़ की संपति का लूट किया जा सके और मुसलमानों के धर्म स्थलों,कब्रिस्तान,मस्जिद,मदरसों, खानकाहों को अधिग्रहित किया जा सके ।मुस्लिम की सारी वक़्फ़ संपत्ति पर सरकार कहीं ना कहीं अपना कंट्रोल करना चाहती है. वक़्फ़ बिल में मुस्लिम समाज के धार्मिक संपत्ति पर दो गैर मुस्लिम सदस्य कैसे हो सकते हैं क्या सरकार हिन्दू न्यास बोर्ड,बौद्ध न्यास बोर्ड या किसी दूसरे धर्म के संस्थाओं में भविष्य में मुस्लिम सदस्यों का मनोनयन करेगी ? केंद्र सरकार जानबूझकर वक्त संशोधन के माध्यम के माध्यम से वैसे विषयों को जोड़ रही है जिससे कि मुसलमान का अहित हो । संविधान की मूल भावना से हटकर अपने जिद पर सरकार दिल में जो संशोधन कर रही है उसका मुस्लिम समाज हर स्तर पर कानून के दायरे में रहकर विरोध करेगा। इस पत्रकार वार्ता में नुरुल होदा, रांची जिला उपाध्यक्ष,आजम अंसारी केंद्रीय सदस्य, मुजीबुल रहमान पूर्व जिला परिषद कांके सह रांची जिला उपाध्यक्ष, कुदरत शेख, रांची जिला सचिव, मिनहाज अंसारी, नामकुम प्रखंड अल्पसंख्यक अध्यक्ष, एजाज अंसारी पंचायत सचिव कांके, गुलरेज अंसारी नगडी पंचायत समिति सदस्य सह रांची जिला सह सचिव, शाहजहां अंसारी, कांके प्रखंड उपाध्यक्ष,इजहार अंसारी पंचायत सचिव सह कांके प्रखंड सचिव मौजूद थे.

0 Comments