सराढु में भू-माफियाओं द्वारा
बड़े पैमाने पर अवैध जमाबंदी
कराये जाने का ग्रामीणों ने लगाया आरोप
उपायुक्त से शिकायत के बाद भू-रैयतों ने अंचल कार्यालय घेराव करने की दी चेतावनी
शशि पाठक
टंडवा (चतरा) प्रखंड क्षेत्र के सराढु में बाहरी लोगों द्वारा भूमि फर्जीवाड़ा कराये जाने की भनक लगने पर रविवार को दर्जनों भू-रैयतों की बैठक परदाही मैदान में हुई, जिसकी अध्यक्षता पाली महतो व संचालन सुबोध सिंह ने किया। उक्त जानकारी देते हुवे सुबोध सिंह ने कहा कि हाल के दिनों में भू-माफियाओं द्वारा रैयतों के दशकों से जोत- आबाद जमीनों पर फर्जीवाड़ा हुआ है। वहीं दर्जनों बाहरी लोगों के नाम से अवैध जमाबंदी कायम कर राजस्व लगान निर्गत होने का आरोप लगाते हुवे उपायुक्त चतरा से लिखित शिकायत करने की बातें कही। मंगलदेव यादव ने बताया कि इन दिनों संघमित्रा परियोजना के विस्तारीकरण की प्रक्रिया तेज है। कुछ बिचौलिये पूर्व की भांति गुपचुप तरीके से अनापत्ति लेने के फ़िराक में जुटे हैं। दूसरी ओर भू-माफिया और बिचौलियों की भी चहलकदमी बढ़ी है। फर्जीवाड़ा से जमीन के बदले मुआवजा व नौकरी लेने के लिये संबंधित अधिकारियों से सांठगांठ कर बड़े पैमाने पर दस्तावेजों में छेड़छाड़ किया गया है।
आक्रोश व्यक्त करते हुवे ग्रामीणों ने की नारेबाजी
फर्जीवाड़े और धांधली से क्षुब्ध मौजूद ग्रामीणों ने दलालों होश में आओ, रैयतों का शोषण बंद करो समेत अन्य नारे लगाये। लोगों का कहना है कि भूमि का फर्जीवाड़ा यहां चरम पर है। पिछले दिनों सीसीएल,अंचल कर्मियों व बिचौलियों की मिलीभगत से पिपरवार परियोजना में अवैध तरीके से नौकरी व मुआवजा लेने के सनसनीखेज मामले सामने आये, जिला प्रशासन ने मुकदमा दर्ज कराया पर सिंडिकेट में शामिल लोग अबतक पकड़ से बाहर हैं। जिससे बिचौलियों का मनोबल सातवें आसमान पर है।
ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति आखिर क्यों पनप रहा है अविश्वास
भू-रैयतों ने अंचल कार्यालय के समक्ष शीघ्र हीं प्रदर्शन करने की दी चेतावनी दी है।ग्रामीणों की मानें तो ऐसे गंभीर मामलों राजस्वकर्मियों द्वारा ठंढे बस्ते में डालने की पुरानी आदत है। वर्ष 2019 में कन्वेयर कॉरीडोर निर्माण के दौरान फर्जीवाड़े का सहारा लेकर ग्रामीणों की अनापत्ति ली गई जिसमें एक दशक पूर्व कई मृतकों की मौजूदगी समेत वनाधिकार समिति तक के फर्जी हस्ताक्षर थे। शिकायत व समुचित प्रकाशन के बावजूद उच्चाधिकारियों ने भी तब कोई कार्रवाई नहीं की।
भू-माफियाओं का संगठित गिरोह अंचल क्षेत्र में सक्रिय, संबंधित अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध
पिछले दिनों जिला प्रशासन ने आधिकारिक तौर पर माना कि टंडवा अंचल क्षेत्र में एक संगठित गिरोह सक्रिय है। बावजूद जिला प्रशासन वैसे लोगों को चिन्हित कर कठोर कार्रवाई करने में पूरी तरह से नाकामयाब रही है। विदित हो कि अंचल क्षेत्र के हल्का तीन स्थित मौजा किशुनपुर में हरिजनों को आवंटित भू-दान की जमीनों तक का अवैध जमाबंदी कराये जाने के गंभीर आरोप लगने के बावजूद भी भू- माफियाओं के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे जिला प्रशासन के प्रति लोगों में भारी अविश्वास है।
बैठक में राजेंद्र राम, कैलाश राम, अशोक राम, विक्रम सिंह, नूनी सिंह, शैलेश सिंह, आशिक मियां, सुभान मियां, प्रकाश कुमार, भीम साव, राजेश साव, समीम मियां, तौफीक अंसारी, छक्कू महतो, बलराम सिंह, प्रकाश ठाकुर, गंगला उरांव समेत अन्य मौजूद थे।
0 Comments