दिशोम गुरु के निधन पर प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय में शोक सभा का आयोजन

दिशोम गुरु के निधन पर

 प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय 

में शोक सभा का आयोजन



दुमका, 4 अगस्त (हि.स.)। प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय के सभागार में दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर शोक सभा का आयोजन किया गया।

इस शोकसभा की अध्यक्षता प्रमंडलीय आयुक्त लालचन्द डाडेल ने की। शोक सभा की शुरुआत दिशोम गुरु शिबू सोरेन के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर दो मिनट के मौन धारण करते हुए श्रद्धांजलि देकर की गई। अधिकारियों और कर्मियों ने इस दुखद घड़ी में राष्ट्र, राज्य एवं विशेष रूप से आदिवासी समाज एवं झारखंड को हुई इस अपूर्णीय क्षति पर शोक प्रकट किया।

इस अवसर पर आयुक्त ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि एक आंदोलन के प्रतीक थे। उन्होंने झारखंड के आदिवासी समाज समेत सभी वंचित समाज के लोगों को पहचान, अधिकार और स्वाभिमान दिलाने के लिए जीवन पर्यंत संघर्ष किया। उनका पूरा जीवन समाज के वंचित, शोषित एवं उपेक्षित वर्गों की सेवा में समर्पित रहा। उनके विचार और सिद्धांत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत रहेंगे।

इस अवसर पर आयुक्त सचिव अमित कुमार ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन के नेतृत्व में झारखंड की आत्मा को आवाज मिली। शिबू सोरेन का जीवन आदिवासी अस्मिता का प्रतीक रहा। उन्होंने संथाली, मुंडारी, उरांव, हो और अन्य जनजातीय समाजों के साथ-साथ सभी वंचित समाजों के सांस्कृतिक गौरव को पुनर्जीवित करने का कार्य किया। उनकी भाषा, वेशभूषा और परंपराओं को मान्यता दिलाने में उनकी अग्रणी भूमिका रही। क्षेत्रीय विकास पदाधिकारी विभूति मंडल ने कहा कि उनके निधन से न केवल झारखंड बल्कि संपूर्ण भारत ने एक युगद्रष्टा नेता और समाज सुधारक को खो दिया है।

मौके पर प्रशाखा पदाधिकारी राजेश कुमार, मो अमजद हुसैन, प्रमोद कुमार मुर्मू, सहायक प्रशाखा पदाधिकारी-सह-आयुक्त के निजी सहायक सौरभ कुमार तिवारी आदि मौजूद रहे।

शिबू सोरेन के निधन पर उपायुक्त आवास परिसर में भी शोकसभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपायुक्त अभिजीत सिन्हा सहित जिले के पदाधिकारी और कर्मियों ने दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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