ऐतिहासिक काकोरी कांड के 79 वर्ष हुए पूरे

ऐतिहासिक काकोरी कांड के 79 वर्ष हुए पूरे



काकोरी काण्ड ने अंग्रेज़ों को बड़ा परेशान किया और एक संदेश पहुंचा दिया कि हिन्दुस्तानी क्रांतिकारी उनसे लोहा लेने के लिए हर तरह के तरीके अपना सकते हैं। काकोरी कांड के लिए हमेशा रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी, ठाकुर रोशन सिंह समेत कुल दस क्रांतिकारियों को याद किया जाता है। इस कांड को अंजाम देने वालों में अधिकतर लोग ‘हिंदुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन’ से जुड़े थे। जिनमें से कुछ को बाद में इस मामले के लिए फांसी भी हो गई। इस पूरे कांड के दौरान जर्मनी के माउज़र का इस्तेमाल किया गया, करीब चार हजार रुपये लूटे गए थे।
9 अगस्त 1925 को हुई इस घटना ने शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के इस प्रयास से ब्रिटिश हुकूमत की नींद उड़ा दी थी। वही राजधानी लखनऊ के क्रांतिकारी नेता हनीफ खान ने काकोरी कांड के क्रांतिकारियों को नमन कर पश्चिमी विधानसभा से चुनाव प्रचार की शुरुआत की।
अब्दुल रहीम

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