क्लाइमेट एजेंडा ने चार प्रतिष्ठित
घाटों पर की वायु गुणवत्ता निगरानी,
दशास्वमेध घाट पर हवा में
सबसे ज्यादा प्रदूषण।
वाराणसी (राम आसरे)। क्लाइमेट एजेंडा द्वारा 18 अप्रैल 2022 को शाम 5 बजे से 7 बजे तक शहर बनारस के 4 अति महत्वपूर्ण घाटों पर वायु गुणवत्ता निगरानी का काम किया गया. कम मूल्य की छोटी लेकिन अति भरोसेमंद मशीनों का उपयोग कर अस्सी, केदार, दशास्वमेध और पंचगंगा घाट पर यह निगरानी करने का उद्देश्य आम नागरिक और जिला प्रशासन को गहरी और बेपरवाह मुद्रा से जगाने का था।
इस गतिविधि के बारे में जानकारी देते हुए क्लाइमेट एजेंडा की निदेशक एकता शेखर ने कहा "राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वाराणसी इकाई को शहर में वायु प्रदूषण के वर्ष पर्यन्त बढे हुए स्तर की चिंता केवल तब होती है जब देश में दिल्ली और बेंगलुरु जैसे शहरों में वायु प्रदूषण पर चर्चा होती है। अगर यह विभाग वर्ष पर्यन्त सक्रिय रहता तो वाराणसी में गर्मियों के दौरान प्रदूषण की मार इतनी भयावह नहीं होती कि हमारे द्वारा अस्सी घाट पर स्थापित किया गया कृत्रिम फेफड़ा मात्र तीन दिनों में काला पड़ जाए। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के अंतर्गत बनारस जिले को प्राप्त करोड़ों रूपए की रकम का उपयोग शहर के प्रदूषण को कम करने में किया जाना चाहिए था, ताकि वाराणसी में बच्चे, वरिष्ठ नागरिक एवं मरीजों के स्वास्थ्य पर प्रदूषण का असर कम हो सके।"
एकता ने बताया "सोमवार को शहर के चार प्रतिष्ठित घाटों पर वायु गुणवत्ता की निगरानी से प्राप्त आंकड़े शहर के निजामों की आँखें खोलने की क्षमता रखते हैं। गर्मी के मौसम में, जब की प्रदूषण का स्तर तुलनात्मक तौर पर कम रहता है, फिर भी उपरोक्त सभी घाटों पर हालात चिंताजनक मिले। इन आंकड़ों को जारी करने का हमारा आशय केवल आलोचना करना नहीं है। जिलाधिकारी द्वारा राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के सही तरीके से अनुपालन के लिए बनी जिला कमिटी में शामिल संस्थाओं और संगठनों को भी कुछ पहल करनी चाहिए, केवल बंद कमरों में बैठ कर अधिकारियों संग बैठकें करने से शहर का प्रदूषण काम नहीं हो सकता।"
क्लाइमेट अजेंडा द्वारा अस्सी घाट पर स्थापित कृत्रिम फेफड़े केवल 72 घंटों में वायु प्रदूषण के कारण काले पड़ गए थे।

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