लगातार लंपी वायरस की शिकार होती
गौ माता, के आहार का ध्यान रखकर
आशी प्रतिभा दुबे
हम सभी लंपी वायरस के प्रभाव को कम करने में अपना योगदान दे सकते है ।
गाय एक ऐसा पशु है जिसकी हम ईश्वर की तरह पूजा करते हैं और जिसके हमारे घर में होने से बरकत भी होती है हमारे हिंदू धर्म के अनुसार गाय में समस्त देवी देवताओं का वास माना गया है ।
आज विभिन्न क्षेत्रों के विभिन्न राज्यों में हमारी गाय " लंपी वायरस" नामक एक भयानक महामारी से पीड़ित है। जिसके लिए सभी लोग चिंतित हैं क्योंकि गाय से हमें अमृत समान दूध प्राप्त होता है और गाय के घृत गोबर इत्यादि से औषधियां बनाई जाती है। गाय हमारे लिए सचमुच वरदान से कम नहीं है। ईश्वर की कृपा रही होगी हम इंसानों पर गाय के रूप में। आज वही हमारी गौ माता पीड़ित है।
कोई न कोई महामारी सदैव कुछ सालों में आती ही रहती है, परंतु महामारी से निजात पाना हमारे खान पीन और तौर तरीके के ऊपर निर्भर होता है। किसी भी महामारी का जनक प्रदूषण ही होता है चाहे वह किसी भी रूप में हो।
अक्सर देखा जाता है हम लोग पॉलिथीन का यूज़ कचरा भरने के लिए उपयोग कर रहे हैं खानपान की वस्तुएं पॉलिथीन में बांध के डाल देते हैं। वही कचरा जब हमारी गाय माता अपने मुख से सेवन करती है तो उन पर गलत पर असर पड़ता है।
कई बार तो देखा गया है कांच का सेवन करने से कई गाय पीड़ित होकर समाप्त हो जाती हैं।
यदि हम अपनी आदतों में सुधार करें, निश्चित तौर से गीले और सूखे कचरे को अलग रखें। यह बदलाब हमे करना ही होगा।उदाहरण के तौर से जो भी सब्जियों का वेस्टेज कचरा होता है उससे हम खाद भी बना सकते हैं, इसके अलावा जैसा कि हमारे पूर्वज कहां करते थे खाने की बर्बादी नहीं करना चाहिए और खराब खाना " कभी गाय को नहीं फेंकना चाहिए " । गाय को ईश्वर की पदवी दी गई है उसे हमेशा ताजा रोटी ही खिलाना चाहिए। हम कचरा फेंकते समय ध्यान रखें , कचरा हमें हमेशा सुरक्षित तरीके से गाड़ी वाले की गाड़ी में ही फेंकना चाहिए।
सुधार जरूरी है आज गाय बीमार हुई है और गाय की लाशों को खा रहे आवारा कुत्ते भी उनसे संक्रमित हो सकते हैं और यह संक्रमण धीरे-धीरे फैल सकता है।
पशुओं के लिए आहार जरूरी है , हर पशु मैं भी एक जीवात्मा होती है । तो क्यों ना हम लोग प्रण करें कि जैसे हम भोजन करते हैं वैसे नियमित तौर पर गाय और कुत्ते के लिए भी भोजन निकाले और उसे अपने स्वयं हाथों से खिलाए।
पशु भी प्रेम चाहता है यदि आप सच्चे मन से किसी भी पशु को खाना खिलाना शुरू करेंगे तो वह भी आपको समझेगा और वह अन्य जगह भटक के कचरा नहीं खाएगा।
जहां तक गाय की बात है, या किसी भी जानवर का संक्रमण उसके पेट के खराब होने से फैल सकता है इसीलिए हम गाय को गुड़ के साथ रोटी डालना शुरू करें उसके संक्रमण में उसके पेट साफ होने में कमी आएगी। इसके साथ साथ हम थोड़ा नमक का सेवन भी करा सकते हैं।
यदि आपके आसपास कोई जानकार या पशु चिकित्सक रहता है तो उसकी भी मदद आप ले सकते हैं।आखिरकार यह प्रकृति हमारी है और इसमें रहने वाले पशु पक्षी जीव जंतु भी हमारे साथी है हमें उनका भी ध्यान रखना चाहिए।
प्रतिभा दुबे ( स्वतंत्र लेखिका)
मध्य प्रदेश


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