डॉ एपीजे अब्दुल कलाम
( मिसाइल मैन)
जिनके कानों में ध्वनि गूंजती थी
भगवत गीता के श्लोकों की
जो पढ़ते थे डरविन के सिद्धांत सदा
रोमांचकारी थे जिंदगी की किताब से,
बिखरी जुल्फें,प्रिय मुस्कराहट वाले
रामेश्वरम के एक मल्लाह के बेटे को ,
पूरे भारत की ओर से मेरा सलाम।
हृदय से नमन है हमारे प्रिय
" अब्दुल कलाम जी "
उनके ही विचार गूंज रहे हैं निस दिन
बन स्तंभ सफलता के शिखर पर आज
[ विजेता वह नहीं है, जो कभी फेल नहीं होते,
बल्कि विजेता वह है जो कभी हार नहीं मानते।अब्दुल कलाम]
कर्ता कर्म कर रहा अपना अपना
कार्य स्वयं सिद्ध है सब धाम।।
असफलताओं को बना लिया
हर सफलता का ही माध्यम,
प्रिय रतन तुम भारत के
मिसाइल मैन के नाम से,
यश तुम्हारा है कीर्तिमान है।।
100 वर्षों में जन्म लेता है कोई,
एक बार ही ऐसा इंसान
भारत की मिट्टी में पलकर
अपने इरादों से बनता अब्दुल कलाम है।।
आशी प्रतिभा दुबे ( स्वतंत्र लेखिका)
भारत



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