आशाओं को बताया, कैसे करनी है
नवजात व प्रसूता की देखरेख प्रशिक्षण
जौनपुर(राम आसरे)। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल (एचबीएनसी) कार्यक्रम के लिए आशा कार्यकर्ताओं का पांच दिवसीय प्रशिक्षण जनपद में सोमवार से शुरू हो गया है। यह प्रशिक्षण जलालपुर, गौराबादशाहपुर, बरसठी और नौपेड़वा में शुरू हुआ है जबकि करंजाकला और मड़ियाहूं में 10 और 11 नवम्बर से शुरू होगा।
मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ लक्ष्मी सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण के बाद आशा कार्यकर्ता गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल (एचबीएनसी) कार्यक्रम में नवजात शिशुओं और प्रसूताओं को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं और सही जानकारी देने में सक्षम हो सकेंगी। इस प्रशिक्षण की नवजात शिशु मृत्यु दर तथा मातृ मृत्यु दर रोकने में अहम भूमिका होगी। आशा कार्यकर्ताओं का क्षमता वर्धन होगा। समुदाय स्तर पर सेवाएं चुस्त-दुरुस्त हो सकेंगी।
नोडल अधिकारी व एसीएमओ (आरसीएच) डॉ एससी वर्मा ने बताया कि आशा कार्यकर्ता, शिशु के जन्म के बाद 42 दिन तक नवजात और प्रसूता की देखभाल के लिए छह से सात गृह भ्रमण कर देखरेख करती हैं। पहला गृह भ्रमण जन्म के 24 घंटे के अंदर, दूसरा भ्रमण तीसरे दिन, तीसरा भ्रमण सातवें दिन, चौथा 14वें दिन, पांचवां 21वें दिन, छठवां 28वें दिन तथा सातवां 42वें दिन किया जाता है।
एनएचएम के जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) सत्यव्रत त्रिपाठी ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान निर्देश दिया गया है कि आशा कार्यकर्ता जब भी गृह भ्रमण पर जाएं तो सबसे पहले हाथ धुलें, फिर थर्मामीटर से नवजात का तापमान मापें और वजन लें। तापमान सामान्य है तो कोई बात नहीं। 96 डिग्री सेल्सियस से कम या 99 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा है तो उसे नजदीक के सामुदायिक (सीएचसी)/प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) रेफर करें। वजन बढ़ रहा है तो नवजात को वैसे ही दूध पिलाते रहने तथा घट रहा है तो उसे ज्यादा दूध पिलाने की सलाह दें। ऐसी स्थिति में चार घंटे की जगह दो-दो घंटे पर ही दूध पिलाते रहने को कहेंगी। उसे सीएचसी/पीएचसी रेफर करके उसके साथ जाएंगी भी। वहीं माताओं को प्रसव के बाद ज्यादा रक्तस्राव होने सहित अन्य दिक्कतों के बारे में भी जागरूक करेंगी। प्रसव के बाद होने वाले खतरों के लक्षण जैसे ज्यादा रक्तस्राव, चक्कर आना, दिमागी संतुलन ठीक न होना आदि के बारे में जागरूक करती हैं।
इस दौरान लगभग 500 आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण चिकित्साधिकारी डॉ रामजी भारती, स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी अजय कुमार सिंह, स्वयंसेवी प्रशांत कुमार गुप्ता और शिल्पी जायसवाल ने दिया।

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