आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद रांची महानगर ने रांची विश्वविद्यालय का मेन गेट जाम किया


आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद 

रांची महानगर ने रांची विश्वविद्यालय 

का मेन गेट जाम किया 



रांची, अवधेश कुमार यादव की रिपोर्ट :आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद रांची महानगर के द्वारा रांची विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार को अनिश्चित काल के लिए तालाबंदी किया गया साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन एवं नारेबाजी द्वारा तुगलकी फरमान जारी किए जाने को लेकर विरोध किया।

ज्ञात हो कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल बीते शुक्रवार को रांची विश्वविद्यालय के कुलपति से एक माह पूर्व भी निजी करण को लेकर ज्ञापन दिया था, बीते शुक्रवार को ज्ञापन में 72 घंटे के अल्टीमेटम देते हुए विद्यार्थी परिषद ने कहा था कि इस तुगलकी फरमान को निरस्त कर विश्वविद्यालय अपने अधिकार को बचाये, अन्यथा छात्र हित में विद्यार्थी परिषद रांची विश्वविद्यालय को अनिश्चितकाल के लिए तालाबंदी करने के लिए बाध्य होगी,

आज रांची विश्वविद्यालय को दिए 72 घंटे के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार का नोटिफिकेशन जारी नहीं होने के कारण विद्यार्थी परिषद ने रांची विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर अनिश्चितकालीन लिए तालाबंदी किया, साथ ही धरना प्रदर्शन लगातार जारी है ,एवं जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन इस तुगलकी फरमान को निरस्त नहीं करती है और आउट सोर्स एजेंसी की निरस्तता का नोटिफिकेशन नहीं निकालती है, तब तक विश्वविद्यालय का कामकाज ठप रहेगा।

प्रदर्शन के दौरान रांची विश्वविद्यालय ने प्रशासन के द्वारा गेट पर लगा ताला जबरन तोड़ दिया, इसी बीच पुलिस प्रशासन एवं अभाविप के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई, प्रदर्शन के दौरान बीच में कुलपति महोदय प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं से वार्ता करने के लिए आए ,परंतु वार्ता विफल रही, वार्ता में उन्होंने अपनी विश्वविद्यालय को नकारा बताते हुए कहा कि आउट सोर्स एजेंसियां ही विश्वविद्यालय को सुधार सकती है, वार्ता के क्रम में अभाविप के कार्यकर्ताओं ने कहा कि आप अपनी कमियों को छुपाने के लिए छात्रों का भविष्य अंधकार में डाल रहे हैं, विश्वविद्यालय के पास जब खुद का इंफ्रास्ट्रक्चर परीक्षा विभाग सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं तो फिर वह बाहर से आउटसोर्स करके कंपनियों को क्यों काम दे रही है, इसमें कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार की बू आ रही है,

कुलपति से वार्ता विफल होने के पश्चात प्रदर्शन कर रहे हैं कार्यकर्ताओं को समझाने के लिए डाॅ० झा ने कहा कि ऐसी बहुत सारी चीजें हैं, जो तकनीकी स्तर

में विश्वविद्यालय अब नहीं कर पा रहा है, वार्ता के क्रम में डॉक्टर झा के बातों से स्पष्ट जाहिर हो रहा था कि कुलपति इस विश्वविद्यालय को चलाने में असमर्थ दिख रहे हैं, कहीं ना कहीं वर्तमान कुलपति अजीत सिन्हा जी के हाथों में रांची विश्वविद्यालय का भविष्य अधर में लटका हुआ नजर आ रहा है।

आंदोलन की शुरुआत सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ सुबह 9:30 बजे से लेकर संध्या 6:00 बजे तक अनवरत जारी रहा , प्रदर्शन के क्रम में रांची विश्वविद्यालय के कुलपति अजीत सिन्हा का पुतला दहन किया गया,साथ ही नारेबाजी कर आउटसोर्सिंग कंपनियो को बाहर निकालने की विरोध को लेकर आवाज बुलंद की गई।

मौके पर प्रदर्शन में अभाविप के प्रदेश मंत्री सोमनाथ भगत ने कहा कि रांची विश्वविद्यालय अतिशीघ्र आउट सोर्स कंपनी की टेंडर को रद्द करें, आउटसोर्स कंपनियों के आने से रांची विश्वविद्यालय में गरीब छात्र-छात्राओं के ऊपर आर्थिक भोज बढ़ेगा ,व मानसिक रूप से उन्हें प्रताड़ित करने का भी काम एजेंसियों के द्वारा किया जाएगा, क्योंकि रांची विश्वविद्यालय में 50% जो छात्र हैं वह जनजातीय समुदाय से आते है

अभाविप के प्रादेशिक विश्वविद्यालय संयोजक विशाल सिंह ने कहा कि रांची विश्वविद्यालय के कुलपति को रांची विश्वविद्यालय के बारे में अभी ठीक प्रकार से लगता है पता नहीं है रांची विश्वविद्यालय को केंद्रीय एजेंसी नेक के द्वारा विश्वविद्यालय को ग्रेडिंग में बी प्लस मिला है नेक को भी यह कटघरे में खड़ा करने का कार्य करते हुए आउटडोर एजेंसियों को यहां पर लाकर कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं यह कतई बर्दाश्त नहीं है

रांची विश्वविद्यालय संयोजक दुर्गेश यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति जोकि ढाई से तीन महीना इनका आए हुआ है आते ही बिना किसी मंतव्य के अपनी तानाशाही रवैया को दिखाते हुए अपने विश्वविद्यालय पर ना भरोसा करते हुए आउट सोर्स एजेंसियों के माध्यम से विश्वविद्यालय को कहीं ना कहीं बेचने का कार्य कर रहे हैं, किसी भी प्रकार का फैसला लेने से पहले विश्वविद्यालय प्रशासन को सीनेट सिंडिकेट छात्र संघ छात्र संगठनों से बैठकर उनका मंतव्य भी लेना चाहिए था ,ताकि भविष्य में उनके द्वारा लिया गया फैसला छात्रों की भविष्य अधर में लटका न दें ,परंतु उन्होंने ऐसा नहीं किया।

लगातार सुबह से शाम तक प्रदर्शन होने के क्रम में लगभग शाम 5:30 बजे खबर मिली कि अंदर में टेंडर प्रक्रिया चल रही है, जैसे ही हम लोगों को सूचना मिली हम लोगों ने रांची विश्वविद्यालय के कुलपति के चेंबर में घुसकर टेंडर को रुकवाने का काम किया और वहीं पर धरना प्रदर्शन में बैठ गए, तत्पश्चात विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से पुलिस को बुलाकर हम सभी पर एफ आई आर दर्ज करने की कोतवाली थाना प्रभारी शैलेश प्रसाद ने कही, जिसे बाद में कुलपति ने मौके व विषय को समझते हुए टेंडर रद्द करने की बात कही एवं साथ ही भविष्य में अगर किसी प्रकार का कदम उठाया जाएगा तो उसमें सभी का मंतव्य लिया जाएगा,

शायद विश्वविद्यालय के कुलपति अजीत सिन्हा जी विषय की गंभीरता को नहीं समझ रहे थे इसी के फल स्वरुप विद्यार्थी परिषद को अनवरत सुबह से रात तक आंदोलन जारी रखना पड़ा,अंततः विद्यार्थी परिषद की जीत हुई ,छात्र हित में विद्यार्थी परिषद सदैव तत्पर रहेगी।


मौके पर प्रदर्शन कर रहे राष्ट्रीय कार्य समिति सदस्य विनीता इंदवार जी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रोमा तिर्की, राखी विभाग संयोजक अनिकेत सिंह, रांची जिला संयोजक प्रेम प्रतीक, रांची महानगर मंत्री रोहित शेखर,प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य पल्लवी गाड़ी, रवि अग्रवाल,रितेश सिंह, खुशबू हेंब्रम,ओसियन वर्मा, स्वाति कुमारी ,साक्षी कुमारी,ऋतुराज, शशिकांत ,रिपुंजय, विद्यानंद, खूंटी जिला से कमलेश, मुन्ना यादव एवं सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे.

प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दुर्गेश यादव ने यह दी है।

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