अपनी बात : सुनिए झारखंड के
देवघर निवासी दिव्यांग राजेश ,
कुमार के जुवानी उनका दर्द
मैं 3 मई से राजभवन रांची के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना पर बैठा हुआ हूं। और महामहिम राज्यपाल महोदय से मिलने का प्रयास कर रहा हूं और मैं महामहिम से मिलकर यह बताना चाहता हूं कि आपसे शिकायत करने का परिणाम यह हुआ कि मुझे अध्यापन कार्य से हटा दिया गया है। मैं महामहिम राज्यपाल महोदय को अब तक अपना समस्या के संबंध में 15 पत्र लिख चुका हूं लेकिन मेरा समस्या का निदान नहीं हो सका है। मैं अब तक माननीय मुख्यमंत्री को 11 पत्र लिख चुका हूं।
उच्च शिक्षा विभाग की ओर से माननीय विधानसभा अध्यक्ष की ओर से और पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से पुनः अध्यापन के संबंध में पत्र जारी किया गया है लेकिन विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों द्वारा मुझे अध्यापन का कार्य नहीं दिया जा रहा है।
मैं अब तक बहुत सारे मंत्री विधायक एवं पदाधिकारियों से मिल चुका हूं लेकिन मेरा समस्या का निदान नहीं हो पाया।
मेरे स्थानीय विधायक जरमुंडी विधानसभा सह माननीय कृषि मंत्री ने आश्वासन दिए हैं कि आपकी समस्या का निदान किया जाएगा।
मैं न्याय की उम्मीद से राजभवन रांची के समक्ष धरना स्थल पर 5 महीनों से बैठा हुआ हूं।
प्रेस विज्ञप्ति जारी कर राजेश कुमार ने यह जानकारी दी है।

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