गत 19 नवंबर को आदिवासी संगठनों ने नगर पालिका चुनाव में आदिवासी आरक्षण हटाने का विरोध किया

गत 19 नवंबर को आदिवासी संगठनों 

ने नगर पालिका चुनाव में आदिवासी 

आरक्षण हटाने का विरोध किया


आज दिनांक 19 नवंबर 2022 को आदिवासियों के विभिन्न संगठनों के द्वारा नगर पालिका चुनाव में एकल पद आदिवासी आरक्षण हटाने के विरोध में राज्य निर्वाचन आयोग के कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया गया l

ज्ञात हो कि क्षेत्र पांचवी अनुसूची क्षेत्र में आता है और नगर पालिका चुनाव सामान्य चुनाव किया जा रहा है जबकि मेसा कानून तहत लागू होनी चाहिए थी l परंतु केंद्र सरकार के द्वारा अभी तक कानून नहीं बनाया गया है l संविधान के अनुच्छेद 243 जेडसी के प्रावधानों के आलोक में केंद्र सरकार नगर शहर क्षेत्र के लिए नगर पंचायत उपबंध अनुसूचित क्षेत्र विस्तार अधिनियम बनाया जाए ताकि राजय सरकार नगर पालिकाओं के लिए अधिनियम बनाया जा सके l विगत दिनों17 नवंबर 2022 को राज्य निर्वाचन आयोग, झारखण्ड द्वारा अधिसूचना संख्या - 3, निं सं- 175/2012 के ज्ञापन संख्या - 2558 के द्वारा नगरपालिका sedule area में आदिवासी आरक्षित सीटों को गैर-आदिवासी के लिए सीट आरक्षित करने पर आदिवासी समाज आक्रोशित हैं, ये धीरे-धीरे शड्यूल क्षेत्रों में सेंधमारी हो रहा है। 5वीं अनुसूची क्षेत्र होने के बावजूद नगर पालिका/परिषद् एकल पद पर गैर आदिवासियों के लिए आरछित किया जा रहा हैl लेकिन इस संदर्भ में अभिलंब राज्य के माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सभी आदिवासी समाज के प्रतिनिधि मंडल एवं संगठन के लोग मिलेंगेl

इस कार्यक्रम में केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की लक्ष्मीनारायण मुंडा,प्रेम शाही मुंडा ( आदिवासी जन परिषद )निरंजना हेरेंज (केंद्रीय परिषद ) अध्यक्ष बबलू मुंडा (केंद्रीय सरना समिति )आदिवासी सेना( अजय कच्छप ) अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद( कुंदर्शी मुंडा )आदिवासी विस्थापित मोर्चा राहुल उरांव अजीतउरांव

अभय भुट कुवर ( आदिवासी लोहरा समाज)डब्लू मुंडा( कांके रोड सरना समिति )यादि शामिल हुए l

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