झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन
को विभिन्न आदिवासी संघों / समितियों
के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने रांची समेत
अनुसूचित जिलों में नगर निकाय के
एकल पद के आरक्षण से जुड़े मामले
को लेकर सौंपा ज्ञापन।
आपकी अदालत में :सेवा में,
मुख्यमंत्री
झारखंड
विषय :- झारखंड में पांचवीं अनूसूची के प्रावधानों का उल्लंघन कर आदिवासियों के प्रतिनिधित्व को खत्म करके किये जा रहे नगर निकायों का चुनाव को रोकने के संबंध में|
महाशय,
उपरोक्त विषय के संबंध में कहना है कि झारखंड के पांचवीं अनूसूची जिलों में राज्य निर्वाचन आयोग झारखंड द्वारा नगर निकायों का चुनाव सामान्य कानून से कराया जा रहा है| इसके विरोध में शिडयूल एरिया के आदिवासियों द्वारा विभिन्न आदिवासी संगठनों के माध्यम से आंदोलन किया जा रहा है | ज्ञात हो कि झारखंड राज्य में पांचवीं अनूसूची जिलों में यही राज्य निर्वाचन आयोग झारखंड द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव विशेष पंचायत कानून (पेसा कानून) से किया जाता रहा है| एक ही शिडयूल एरिया में पंचायत चुनाव विशेष कानून के तहत और नगर निकायों का चुनाव सामान्य कानून से हो | यह संविधान विरोधी, आदिवासी विरोधी और पांचवीं अनूसूची के प्रावधानों का घोर उल्लंघन है| राज्य निर्वाचन आयोग झारखंड द्वारा कराये जा रहे इस चुनाव से आदिवासियों के प्रतिनिधित्व शिडयूल एरिया में भी समाप्त हो रहा है | संथाल परगना प्रमंडल के दुमका, साहेबगंज, पाकुड़, जामताड़ा जिले,कोल्हान प्रमंडल के पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खारसांवा जिले, दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के रांची जिले में नगर निगम,नगर परिषद,नगर पंचायत के एकल पद अनारक्षित या अनूसूचित जाति का कर दिया गया है | जबकि ये सभी क्षेत्र पांचवीं अनूसूची जिलों के अन्तर्गत आते हैं | इसलिए आपसे आग़्रह है कि इसकी गंभीरता को देखते हुए अविलंब नगर निकायों का चुनाव को रोका जाए और पांचवीं अनूसूची जिलों के नगरीय क्षेत्र में एकल पद आदिवासियों का रिजर्व के लिए नगरपालिका अधिनियम का विशेष कानून बनाकर ही यह चुनाव कराया जाए |
इस बात को उल्लेख करना उचित होगा कि शिडयूल एरिया में पंचायत चुनाव विशेष कानून के तहत होता है तो शिडयूल एरिया के नगरीय क्षेत्र में भी नगरपालिका अधिनियम का विशेष कानून बनाया जाए|
जिससे पांचवीं अनूसूची जिलों में आदिवासियों का प्रतिनिधित्व बरकरार रहे और आदिवासियों का हकमारी न हो|
हम सभी आशा करते हैं कि इस ज्ञापन को गंभीरता से लेते हुए अविलंब इस पर कारवाई करने की कोशिश करेंगे|इसी आशा के साथ इस विषय पर विभिन्न आदिवासी संगठनों का एक प्रतिनिधिमण्डल माननीय मुख्यमंत्री से मिला और ज्ञापन सौंपा वार्ता किया इस प्रतिनिधिमण्डल नें अजय तिर्की, लक्ष्मी नारायण मुंडा, प्रेम शाही मुंडा, बबलू मुंडा, प्रवीण उरांव, कृष्णकांत टोप्पो, अभय भुटकूंवर,अजित उरांव, डब्लू मुंडा, निरंजना हेरेंज, कुंदरुसी मुंडा, राहुल उरांव, नवनीत उरांव, अजय कच्छप, मानू तिग़्गा, हलधर पाहन आदि शामिल थे|
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