मीरजापुर मंडली चिकित्सालय में सुविधाओं का अभाव: थायराइड और यूरिन कल्चर जांच तक नहीं उपलब्ध

मीरजापुर मंडली चिकित्सालय

 में सुविधाओं का अभाव: 

थायराइड और यूरिन कल्चर

 जांच तक नहीं उपलब्ध



मीरजापुर। जनपद मीरजापुर के मंडली चिकित्सालय, जो जिला चिकित्सालय के रूप में क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं का प्रमुख केंद्र है, में बुनियादी सुविधाओं का अभाव आम जनमानस के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। सरकार द्वारा तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराने के दावों और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के सौजन्य से मेडिकल कॉलेज की स्थापना के बावजूद, यहां थायराइड जांच और यूरिन कल्चर जैसी आवश्यक जांच सुविधाएं अभी तक शुरू नहीं हो सकी हैं। यह स्थिति तब है, जब जनपद में पांच विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक, एक एमएलसी विनीत सिंह और सांसद अनुप्रिया पटेल (अपना दल एस, भाजपा की सहयोगी) जैसे प्रभावशाली राजनेता मौजूद हैं।
मीरजापुर जनपद में तीन जिलों - संत रविदास नगर (भदोही), सोनभद्र और मीरजापुर के मरीज इस अस्पताल पर निर्भर हैं। खासकर सोनभद्र जैसे आदिवासी बहुल और पिछड़े इलाके से आने वाले मरीज, जहां शिक्षा और विकास का स्तर कम है, बड़ी उम्मीदों के साथ यहां पहुंचते हैं। लेकिन थायराइड और यूरिन कल्चर जांच जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में उनकी उम्मीदें टूट जाती हैं। मरीजों का कहना है कि दूर-दराज से किराया खर्च कर आने के बाद उन्हें निजी लैब में जांच के लिए मजबूर होना पड़ता है, जो गरीब मरीजों के लिए आर्थिक बोझ बन जाता है।
जब इस बारे में मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों से पूछा गया, तो उनका जवाब था कि अभी यह सुविधा उपलब्ध नहीं है और जिला अस्पताल में भी यह मौजूद नहीं है। सुविधा कब तक शुरू होगी, इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। वहीं, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) ने आश्वासन दिया कि "कुछ दिनों में यह सुविधा उपलब्ध हो जाएगी," लेकिन ठोस समयसीमा की कमी से मरीजों का भरोसा डगमगा रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि जिले के उच्च अधिकारियों की लापरवाही के चलते सरकार द्वारा प्रदत्त सुविधाएं भी जनता तक नहीं पहुंच पा रही हैं। मरीजों ने शासन-प्रशासन से गुहार लगाई है कि मंडलीय जिला चिकित्सालय में थायराइड, यूरिन कल्चर जांच सहित अन्य जरूरी सुविधाएं जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जाएं ताकि गरीब और जरूरतमंद मरीजों को राहत मिल सके। यह सवाल अब भी अनुत्तरित है कि इतने बड़े नेतृत्व और संसाधनों के बावजूद मीरजापुर की स्वास्थ्य सेवाएं क्यों बदहाल हैं?

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