यह अरुण श्रीवास्तव और
उनकी पत्नी मीना हैं रिटायर्ड
एबसीआई अधिकारी थे
प्रयागराज। जनपद में शानदार मकान भी है, किंतु एक गरीब के स्वाभिमान पर चोट लगी और इन्हें जान गंवानी पड़ी।
मामला यह था कि तीसरी मंजिल पर राजमिस्त्री से तीन महीने से काम करा रहे थे, लेकिन राजमिस्त्री का पैसा नहीं दे रहे थे। 20 हजार की मजदूरी पाने के लिए उसे बार बार दौड़ा रहे थे। जिस दिन घटना हुई उस दिन राजमिस्त्री को पैसा देने के लिए दोपहर बुलाए। आया तो बोले एक घंटे बाद आओ। जब वह एक घंटे बाद आया तो पैसा न देने का बहाना बनाया और बोले कि काम सही नहीं हुआ है, पैसा नहीं देंगे। इसी बात पर तू तू मैं मैं शुरू हो गई। पूर्व अधिकारी महोदय ताव में आकर दो थप्पड़ जड़ दिए।
राजमिस्त्री को भी गुस्सा आया और झोले में रखे हथौड़े को निकालकर वार कर दिया। जब पत्नी बीच में आई तो पहचाने जाने के डर से उसे भी मार दिया।
मौत किसी की भी हो दुखद है किंतु किसी गरीब का 20 हजार लेने के चक्कर में जान गवा बैठे। यह घटना सीख देती है कि किसी गरीब को इतना मत सताओ कि उसके अंदर का स्वाभिमान जाग उठे।
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