पलामू, गढ़वा, लातेहार, चतरा जिले को मिलाकर केंद्र शासित प्रदेश बनाने की माँग को गति देंगे कमलेश सिंह

पलामू, गढ़वा, लातेहार, चतरा 

जिले को मिलाकर केंद्र शासित 

प्रदेश बनाने की माँग को 

गति देंगे कमलेश सिंह




मेदिनीनगर (संवाददाता)। पलामू, गढ़वा, लातेहार और चतरा जिलों को मिलाकर केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने की वर्षों पुरानी माँग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। इस ऐतिहासिक और जन-आधारित माँग को नई ऊर्जा देने के उद्देश्य से उद्घोष फाउंडेशन के संस्थापक कमलेश सिंह ने सोमवार को घोषणा की कि अब यह मुद्दा केवल चर्चा का विषय नहीं रहेगा, बल्कि एक जनांदोलन के रूप में उभरेगा।

कमलेश सिंह ने कहा कि आज़ादी के 76 और झारखंड गठन के 24 बाद भी पलामू, गढ़वा, लातेहार चतरा जिला उपेक्षित है। इतने वर्षों के बाद भी यह क्षेत्र शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, बुनियादी सुविधाओं और राजनीतिक भागीदारी के मामले में लगातार पिछड़ा हुआ है। पलायन, नक्सलवाद और बेरोजगारी जैसी समस्याओं ने यहाँ के युवाओं का भविष्य अंधेरे में डाल दिया है। यहां के निवासियों का भबिष्य अंधकारमय दिख रहा है। ऐसे में अब यह आवश्यक हो गया है कि इस भूभाग को एक केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया जाए, ताकि सीधा प्रशासकीय नियंत्रण केंद्र के पास हो और विकास की प्रक्रिया तेज़ हो सके।

उन्होंने बताया कि इसपर यहां के बुद्धिजीवी वर्ग से वार्ता शुरू कर दिया गया है और जल्द ही एक विधिवत बैठक आयोजित किया जाएगा, जिसमें जनजागरूकता अभियान, हस्ताक्षर अभियान और संगोष्ठियों की श्रृंखला के साथ न्याययिक प्रक्रिया की शुरुआत से सम्बंधित निर्णय किया जाएगा। जिससे आम जनता को इन जिलों से किया जा रहा उपेक्षा और "केंद्र शासित प्रदेश" बनाने का लाभ से सम्बंधित विस्तृत संवाद से जोड़ा जा सके और उनकी आवाज़ को दिल्ली तक पहुँचाया जा सके।

कमलेश सिंह का मानना है कि यह कोई राजनीतिक माँग नहीं, बल्कि संविधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों की पुनः प्राप्ति की लड़ाई है।

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