बलरामपुर : आदि कर्मयोगी अभियान अंतर्गत विशेष
ग्राम सभा का किया गया आयोजन
बलरामपुर, 2 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी आदि कर्म योगी अभियान के अंतर्गत आदि सेवा पर्व पर जिले के सभी चयनित 429 ग्रामों में विलेज एक्शन प्लान बनने पश्चात आदि सेवा पर्व के अंतिम दिवस 2 से 7 अक्टूबर तक विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया जाएगा जिसमें ग्राम सभा में विलेज एक्शन प्लान पारित किया जाएगा।
इसके तहत आज प्रथम दिवस जिले के विभिन्न ग्रामों में विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया गया। ग्राम सभाओं की शुरुआत में सर्वप्रथम मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के एक पाती पत्र का वाचन किया गया, जिसमें आदिवासी समाज के उत्थान, नेतृत्व सशक्तिकरण तथा विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण हेतु अभियान के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला गया है। इसके पश्चात् प्रत्येक ग्राम सभा में ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में ग्राम का विलेज एक्शन प्लान पर विस्तृत चर्चा की गई। ग्राम की आवश्यकताओं, समस्याओं और भविष्य की विकास दिशा पर विचार-विमर्श के उपरांत सर्वसम्मति से विलेज एक्शन प्लान पारित किया गया। इस अवसर पर जनजातीय समाज के परंपरागत मूल्यों, संस्कृति एवं सहभागिता को सशक्त बनाने पर जोर दिया गया। ग्राम सभा में स्थानीय युवा, महिलाएं एवं जनप्रतिनिधियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग ने बताया कि इन गांवों में निवासरत जनजातीय परिवार के लोगों को शासन के जनकल्याणकारी योजनाओं से शत-प्रतिशत लाभान्वित करने तथा गांवों में सभी आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उपायों के संबंध में चर्चा की गई। इसके साथ ही बनाए गए एक्शन प्लान जिसके अंतर्गत सूचीबद्ध जानकारी को ग्राम सभा में पारित किया गया।
उन्होंने इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि आदि सेवा पर्व के अंतर्गत 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक विकासखण्ड राजपुर, बलरामपुर, वाड्रफनगर, रामचन्द्रपुर, कुसमी, शंकरगढ़ के चिन्हांकित कुल 429 गांव में आदि कर्मयोगी, आदि साथी, आदि सहयोगी के माध्यम से गांव का मानचित्र तैयार करते हुए गांव के प्राकृतिक, मानव संसाधन को चिन्हांकित किया गया। जिसके पश्चात चरणवार प्रक्रिया करते हुए सभी के साथ चर्चा कर विलेज एक्शन प्लान बनाया गया। सेवा पर्व के दौरान इन 429 गांवों में स्थानीय दलों द्वारा ग्राम का भौतिक और सामाजिक मानचित्र तैयार किया गया।
इस दौरान गांव की सीमाएं, बस्तियों, सार्वजनिक संसाधन (पुल, पानी के स्रोत, जंगल, खेत, आंगनबाड़ी, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र आदि) और संस्थागत ढांचे (पंचायती ढांचे, स्वयं सहायता समूह, महिला समितियां आदि) को चिन्हित किया गया है।मानचित्रण की प्रक्रिया के बाद, गांव के विभिन्न हितधारकों वृद्ध, महिलाएं, युवा, कृषि से जुड़े लोग, अन्य समाजिक समूह के बीच चर्चा गई। इस संवाद में गांव की प्राथमिक जरूरतें, कमजोर बिंदु, स्थानीय अवसर और संसाधन सीमाएं प्रस्तुत की गई। इस चरण को गतिविधियों व गांव की पैदल पथ-पथान्वेषण के माध्यम से और अधिक समृद्ध किया जा रहा है।
ग्राम में चर्चा व संवाद के आधार पर, ग्रामवार एक्शन प्लान तैयार किया गया है। जिसमें योजना अगले 3-5 वर्षों में गांव में किन-किन गतिविधियों को प्राथमिकता दी जाए, किन योजनाओं को लागू करना है, संसाधन कैसे जुटाए जाये, निगरानी एवं समीक्षा कौन करेगा आदि बिंदुओं पर केंद्रित है। योजना में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, जल, सड़क, स्वच्छता, रोजगार, महिला सशक्तिकरण, प्राकृतिक संसाधन संरक्षण आदि आयाम शामिल होंगे। अभियान अंतर्गत आदिवासी युवा और समाज के नेतृत्व की भी उपस्थिति सुनिश्चित की जा रही है ताकि योजना स्थानीय स्वामित्व वाली बने।
उन्होंने बताया कि विलेज एक्शन प्लान के आधार पर, केंद्र एवं राज्य की नीतियों और योजनाओं को गांव की प्राथमिकताओं से जोड़कर लागू करना है। ताकि गांव में ज़रूरतों के अनुरूप सरकारी योजनाओं को एकीकृत कर लाभार्थियों तक पहुंच सुनिश्चित की जा सके।
उल्लेखनीय है कि, कलेक्टर राजेन्द्र कटारा के मार्गदर्शन तथा नोडल अधिकारी एवं जिला पंचायत सीईओ नयनतारा सिंह तोमर के नेतृत्व में आदि कर्मयोगी अंतर्गत जिले के सभी 429 आदिवासी बाहुल्य गांव में विलेज एक्शन प्लान बनाने की चरणबद्ध प्रक्रिया अपनाते हुए आदि सहयोगी एवं साथी स्थानीय युवा नेताओं को शामिल करते हुए प्लान तैयार कर आगे की लिया सुनिश्चित की जा रही है।
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