बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी
जलापूर्ति योजना की हो
सीबीआई जांच : सुबोध
पूर्वी सिंहभूम, 18 नवंबर (हि.स.)। बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति योजना को लेकर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग और पंचायत पर अनियमितता का आरोप लगाते हुए बागबेड़ा महानगर विकास समिति के अध्यक्ष और भाजपा जिला मुख्यालय प्रभारी सुबोध झा ने कहा कि यह योजना दोनों पक्षों के लिए सोने का अंडा देने वाली बन गई है, जबकि 20 हजार की आबादी अब भी स्वच्छ पानी के लिए जूझ रही है।
झा ने मंगलवार को कहा कि बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी के 1140 घरों के लिए शुरू हुई इस जलापूर्ति योजना में अब तक करोड़ों रुपये आवंटित किए जा चुके हैं। पाइपलाइन बिछाने के लिए 1 करोड़ 10 लाख रुपये, फिर योजना के लिए 21 लाख 63 हजार रुपये दिए गए एवं हाल ही में फिल्टर प्लांट निर्माण के लिए 1 करोड़ 88 लाख रुपये की स्वीकृति मिली। इसके बावजूद योजना से लोगों को आज तक एक बूंद भी स्वच्छ पानी नसीब नहीं हुआ।
उन्होंने बताया कि बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी, जिसकी पूर्व आबादी 9,000 थी, आज आधुनिक विस्तार के बाद 3,300 मकानों तक पहुंच चुकी है। लेकिन जलापूर्ति योजना को पुराने पैमाने पर ही सीमित रखकर करोड़ों रुपये खर्च कर दिया गया।
झा ने पंचायत पर अवैध वसूली और अवैध कनेक्शन देने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रत्येक घर से 100 रुपये मासिक और 1050 रुपये सुरक्षा राशि के तौर पर लेती है, लेकिन उसका कोई हिसाब उपलब्ध नहीं कराती। सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगने पर भी कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया जाता है।
उन्होंने बताया कि मजबूर होकर जनहित याचिका झारखंड हाई कोर्ट में दायर की गई, जिसके बाद नया फिल्टर प्लांट निर्माण स्वीकृत हुआ। वहीं 26 जुलाई 2024 तक योजना पूरी करने का निर्देश था, लेकिन आज तक कार्य पूरा नहीं हुआ।
झा ने स्पष्ट कहा कि यह योजना पंचायत के भरोसे नहीं चल सकती। इसके संचालन की जिम्मेदारी किसी स्वतंत्र एजेंसी—जैसे जुस्को या सीधे पेयजल एवं स्वच्छता विभाग—को देनी होगी।
सुबोध झा ने कहा कि विभाग और पंचायत दोनों मिलकर जनता को बेवकूफ बना रहे हैं, जबकि लोग मजबूरी में 25–30 रुपये प्रति बोतल पानी खरीदकर पीने को विवश हैं। उन्होंने कहा कि पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच होनी चाहिए, ताकि वास्तविक दोषियों पर कार्रवाई हो सके और जनता को न्याय मिल सके।

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