रांची 21/10 /22 ,आज केंद्रीय सरना समिति के तत्वाधान में जगलाल पाहन की अध्यक्षता में एक आवश्यक बैठक संपन्न हुई :अवधेश कुमार यादव की रिपोर्ट

रांची 21/10 /22 ,आज केंद्रीय सरना 

समिति के तत्वाधान में जगलाल पाहन की 

अध्यक्षता में एक आवश्यक बैठक 

संपन्न हुई :अवधेश कुमार यादव रिपोर्ट 




दिन शुक्रवार को केंद्रीय सरना समिति रांची के तत्वधान में केंद्रीय पाहन श्री जगलाल पाहन की अध्यक्षता में एक आवश्यक बैठक आहूत की गई जिसमें आदिवासियों के धार्मिक - सामाजिक स्थिति पर गंभीर चिंतन मंथन किया गया । अध्यक्षीय वक्तव्य में श्री जगलाल पाहन जी ने कहा कि कुछ लोग आदिवासियों की धार्मिक - सामाजिक व्यवस्था परिवर्तन करने के लिए कुत्सित प्रयास कर रहे हैं विकृत कर पारंपरिक व्यवस्था को समाप्त करने पर आमादा हैं ऐसे लोग किस प्रकार और कहां शिक्षण - प्रशिक्षण , शिक्षा - दीक्षा लिए हैं तथा समाज को भ्रमित कर आनेवाली पीढ़ियों को समूल नष्ट कर रहे हैं । ऐसे लोग किस षड्यंत्र के अंतर्गत आदिवासियों की धार्मिक सामाजिक व्यवस्था को परिवर्तन करने के लिए किसके इशारे पर काम कर रहे हैं यह जांच का विषय है , श्री जगलाल पाहन ने यह भी कहा कि वैसे तथाकथित समाजसेवी जो इतिहास भूगोल पढ़कर समाज की परंपरागत व्यवस्था के प्रधान पाहन पूजार को प्रशिक्षण देने की बात कहते हैं वे किस आधार पर प्रशिक्षण का कार्य करेंगे किस प्रकार पहनो की स्मार्ट बनाएंगे इसे स्पष्ट करें । श्री सुकरा पाहन करम टोली ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रार्थना सभा की अपारंपरिक बेतरतीब व्यवस्था जो समाज में फैल चुकी है वह रूढ़िवादी व्यवस्था के बिल्कुल विपरीत है और लोगों को इसके प्रति सचेत होने की आवश्यकता है श्री चंदन पाहन ने सरना प्रार्थना सभा के क्रियाकलापों पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसे अविलंब बंद करने की अपील किया । श्री मेघा उरांव अध्यक्ष आदिवासी सरना धर्म रक्षा समिति ने राजी पाड़हा सरना प्रार्थना सभा - भारत के उपर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि यह चर्च द्वारा पोषित संगठन है जो पूरे भारत में निवासरत आदिवासियों की पूजा पद्धति में एकरूपता लाने की बात कह कर समाज के लोगों को बरगलाने का काम कर रहे हैं क्योंकि क्योंकि पूरे भारत में लगभग 700 प्रकार के धर्मों के लोग रहते हैं और सभी की जीवन पर्यन्त रूढ़िवादी व्यवस्थाएं व संस्कृति भिन्न प्रकार की हैं और उनमें समानता व एकरूपता लाने का प्रयास लोगों को अपने धर्म और रीति रिवाज से दूर करने का सिर्फ एक षड्यंत्र है और आदिवासी समुदाय को इन विषम परिस्थितियों में अपने बुद्धि विवेक का इस्तेमाल कर अपने समुदाय को संरक्षित करने की आवश्यकता है । श्री संदीप उरांव संयोजक जनजाति सुरक्षा मंच ने आदिवासियों की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आदिवासियों की अस्मिता और अस्तित्व पर अंतर्राष्ट्रीय साजिश के तहत विभिन्न प्रकार के षड्यंत्र किए जा रहे हैं जिसमें सरना प्रार्थना सभा भी एक है जिसके द्वारा समाज के लोगों को संविधान प्रदत्त अधिकारों से वंचित करने की कोशिश की जा रही है ।

इस बैठक में मुख्य रूप से केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष श्री बबलू मुंडा मुकेश मुंडा , सुजय पाहन, विजय मुंडा , अरूण मुंडा, विजय पाहन, अजीत कच्छप, विश्वकर्मा पाहन, राम उरांव, दीपक टोप्पो, रामचरण तिग्गा, कुलदीप बेक, डब्लू मुंडा बालेश्वर पाहन आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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