सोनभद्र के ओबरा में दलित किशोरों से बर्बर मारपीट जातिसूचक गालियां, जान से मारने की धमकी

सोनभद्र के ओबरा में दलित 

किशोरों से बर्बर मारपीट जातिसूचक

 गालियां, जान से मारने की धमकी




 सोनभद्र। जिले के ओबरा थाना क्षेत्र से एक विचलित करने वाला मामला सामने आया है। बीते शुक्रवार, 26 जुलाई 2025 की शाम लगभग 5:30 बजे, चूड़ी गली में दो दलित किशोरों को न केवल बेरहमी से पीटा गया, बल्कि उन्हें जातिसूचक गालियां भी दी गईं। इस हमले में दोनों किशोर गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घटना के बाद, पीड़ित किशोरों के पिता ने ओबरा थाने में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने हमलावरों के पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं। ओबरा कॉलोनी निवासी रमेश कुमार (पुत्र स्वर्गीय मिठाई लाल), जो अनुसूचित जाति से संबंध रखते हैं, ने ओबरा थाने में एक प्रार्थना पत्र दिया है। उन्होंने बताया कि 26 जुलाई 2025 की शाम करीब 5:30 बजे उनके रमेश कुमार के बेटा 13 वर्षीय और 16 वर्षीय बेटे को चूड़ी गली, ओबरा में कुछ लोगों ने लोहे की रॉड से बुरी तरह पीटा। रमेश कुमार ने अपनी शिकायत में मुख्य विपक्षी के रूप में अल्तमस (पुत्र स्वर्गीय हमीद वारसी, निवासी टैक्सी स्टैंड ओबरा) और उसके साथियों बाबू उर्फ राहुल व मोनू उर्फ कल्लू (पुत्र वकील चंद वर्मा, निवासी चूड़ी गली, मालिन बस्ती) का नाम लिया है। पीड़ितों के पिता रमेश कुमार जब घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर चूड़ी गली पहुंचे और हमलावरों से पूछा कि उनके बेटों को क्यों मारा गया, तो आरोप है कि अल्तमस और मोनू ने अभद्र शब्दों का प्रयोग करते हुए मारपीट की और उन्हें धमकाते हुए कहा, दोबारा चूड़ी गली में दिखाई पड़ेगा तो जान से मार दिया जाएगा। हम लोगों के ऊपर कई मुकदमे हैं, एक और सही। यह कहते हुए वे वहां से फरार हो गए। आरोपी का लंबा आपराधिक इतिहास और प्रशासन पर सवाल सूत्रों द्वारा पता चला है कि अल्तमस के पुराने आपराधिक इतिहास का भी खुलासा किया है। उन्होंने बताया है कि अल्तमस ने इससे पहले एक पत्रकार पर धारदार हथियार से हमला किया था और अनुज त्रिपाठी नाम के एक व्यक्ति पर भी चाकू से हमला किया था। रमेश कुमार ने इस बात पर गहरी चिंता व्यक्त की है कि ऐसे कई मुकदमों के बावजूद अल्तमस जैसे अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से सीधा सवाल किया है कि ऐसे मुजरिमों पर आखिर क्या कार्रवाई की जा रही है। क्योंकि ये गिरोह बनाकर चलते हैं और किसी भी धारदार हथियार से किसी भी व्यक्ति या बच्चे पर हमला करने से नहीं हिचकते।  जिसकी वजह से ओबरा में गुंडाराज कायम हो गया है और आम जनता का जीना दूभर हो गया है। उन्होंने शासन-प्रशासन से कड़ा आग्रह किया है कि ऐसे मुजरिमों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए और उन्हें सबक सिखाया जाना चाहिए।  ऐसे अपराधी आगे चलकर किसी की हत्या भी कर सकते हैं, इसलिए उन्हें तत्काल जेल के सलाखों के पीछे होना चाहिए। यह घटना 26 जुलाई 2025 को हुई थी, जिसकी लिखित तहरीर रमेश कुमार ने अगले दिन, 27 जुलाई 2025 को ओबरा थाने में दर्ज कराई। पुलिस ने मामले को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि आरोपियों के खिलाफ विधि सम्मत और निष्पक्ष कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उम्मीद है कि पुलिस जल्द ही इस मामले में संलिप्त सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर न्याय दिलाएगी।

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